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फ्रांस में एक और 'क्रांति'

एलिजाबेथ ब्रायंट/ओएसजे२२ अप्रैल २०१६

फ्रांस सुपर मार्केट पर फंदा कसने वाला पहला देश बना. नए कानून के तहत सुपर बाजार खाने पीने का सामान को फेंक नहीं पाएंगे. न बिकने वाले प्रोडक्ट उन्हें दान करने होंगे.

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तस्वीर: picture-alliance/dpa

दुनिया भर के सुपर बाजारों का हाल करीब करीब एक जैसा है. विशाल कूलिंग मशीनों में बड़े पैमाने पर खाने पीने का सामान भरा होता है. इस सामान की एक एक्सपायरी डेट भी होती है. अगर प्रोडक्ट एक्सपायरी डेट से पहले नहीं बिका तो ज्यादातर सुपर मार्केट इन्हें कूड़ेदान में फेंक देते हैं. और कुछ ही घंटों के भीतर खाने पीने योग्य चीजें खराब होने लगती है. वहीं दूसरी ओर बड़ी आबादी भूख से छटपटाती है.

Frankreich Lebensmittelverschwendung
एक तरफ भूख, दूसरी ओर बर्बादीतस्वीर: Getty Images/AFP/J. Ksiazek

सख्त कानून

इस बर्बादी को रोकने के लिए फ्रांस में एक बिल पास हुआ है. इसके साथ ही फ्रांस दुनिया का पहला ऐसा देश बन गया है जहां सुपर बाजारों और बड़े खुदरा कारोबारियों को बचा हुआ खाना दान करना होगा. कानून तोड़ने वालों को 3,750 यूरो का जुर्माना भरना होगा.

सुपर मार्केट चेन चारफोर की निदेशक सोएद टूमी ने सरकार के फैसले का स्वागत किया है. स्टोर चार सेवार्थ संस्थाओं को साल भर में 32,000 लोगों का खाना दान करता है. टूमी कहती हैं "हम पहले से ही बर्बादी से लड़ रहे है. अगर कानून के जरिये दूसरे भी हमारे जैसा करने लगें तो यह अच्छी बात होगी."

लेकिन ज्यादातर सुपर बाजार ऐसा नहीं करते. फ्रांस के औसत सुपर बाजार हर दिन करीब 20 किलोग्राम खाना फेंकते हैं. कुछ सुपर मार्केट तो बर्बाद खाने में ब्लीच भी डालते हैं ताकि उसे कोई चुराकर खा न सके.

Frankreich Carrefour Direktor SOED Toumi
सोएद टूमीतस्वीर: DW/E. Bryant

एक बड़ी क्रांति

पेरिस के उपनगर कूर्बेवोआ के म्युनिसिपल काउंसलर ऑराश डेरामबार्श नए कानून की जमकर तारीफ कर रहे हैं, "स्थिति बहुत साफ है. एक तरफ हमारे सामने ऐसे सुपर बाजार हैं जो हर दिन न बिकने वाला कई किलो खाना फेंक देते हैं, यह बेवकूफाना है. और दूसरी तरफ लाखों गरीब और बेघर लोग हैं."

छात्र जीवन में गरीबी झेल चुके डेरामबार्श कहते हैं, "मेरी बहुत कम कमाई का आधा हिस्सा कमरे के किराये में चला जाता था. मैं भूखा रहा करता था और इसे स्वीकार करने में मुझे शर्म आती थी."

"बर्बादी के खिलाफ घोषणा" नाम से किताब लिखने वाले डेरामबार्श ने इस स्थिति को बदलने का बीड़ा उठाया. 2015 में उन्होंने अपने दोस्तों के साथ सुपर बाजारों का न बिकने वाला खाना जमा करना शुरू किया. वे इसे बेघर लोगों में बांटने लगे. इसी दौरान उन्होंने सुपर बाजार बर्बादी कानून के लिए ऑनलाइन मुहिम चलाई और फरवरी 2016 में यह कानून बन गया.

बदलाव आ रहा है. जर्मनी और ब्रिटेन ने भी सुपर बाजारों में होने वाली बर्बादी को कम करने के लिए कदम उठाए हैं. डेनमार्क में तो वेस्ट सुपर मार्केट खुल चुके हैं, जहां खाना सस्ता मिलता है. बेल्जियम के कई शहरों ने भी सुपर बाजारों की बर्बादी पर पाबंदी लगा दी.