फ्रांस के वित्त मंत्री ने माना, की थी गंदी बात
११ मई २०१६साल 2015 की बात है. दावोस में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम चल रही थी. उस वक्त दुनिया भर के नेता वहां मौजूद थे. बहुत सारे पत्रकार भी थे. एक महिला पत्रकार पेन उठाने को झुकी और फ्रांस के वित्त मंत्री ने एक हरकत कर दी. फ्रांस के वित्त मंत्री मिशेल सापिन ने कबूल किया है कि उन्होंने महिला पत्रकार के साथ अश्लील हरकत की थी. सापिन पर आरोप है कि उन्होंने एक महिला पत्रकार की निकर की इलास्टिक खींच दी थी.
पहले उन्होंने इस आरोप को सिरे से खारिज कर दिया था लेकिन कुछ ही घंटों बाद उन्होंने ऐसी हरकत करने की बात मानी. फ्रांस में हाल के दिनों में हुआ इस किस्म का यह दूसरा सेक्स स्कैंडल है. इससे पहले आठ महिलाओं ने संसद के डेप्युटी स्पीकर डेनिस बॉपिन पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था.
वित्त मंत्री सापिन ने एक बयान जारी कर कहा, ''जनवरी 2015 में दावोस की यात्रा के दौरान 20 लोगों के बीच में मैंने एक महिला पत्रकार के कपड़ों पर टिप्पणी की थी. तब मेरा हाथ उसकी कमर पर था.''
सापिन ने कहा कि उन्होंने यह हरकत किसी दुर्भावना से नहीं की थी. उन्होंने कहा, ''मेरी हरकत में कोई लैंगिक या आक्रामक भावना नहीं थी. लेकिन मेरे शब्दों और हरकतों से अगर सामने वाला इन्सान हैरान-परेशान हुआ है तो जाहिर है ये सही नहीं थे. इसका मुझे पहले भी खेद था और आज भी है.''
सापिन का यह यू-टर्न बहुत तेजी से आया है. इस बयान से कुछ ही घंटे पहले उन्होंने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया था. इसके बारे में सवाल करने पर उन्होंने कहा था, "यह तो बदनाम करने की बात है... ये आरोप एकदम झूठे हैं."
ये आरोप अप्रैल में सामने आए थे. दो पत्रकारों की एक किताब आई है जिसमें सत्ता के गलियारों की बातों और घटनाओं का जिक्र किया गया. ''एलिसी ऑफ'' नाम की इस किताब में स्टेफनी मार्तेओ और अजीज जेमोरी ने दावा किया है कि दावोस में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के दौरान एक महिला पत्रकार पेन उठाने के लिए झुकी तो सापिन ने कहा, ''आह... तुम मुझे क्या दिखा रही हो?'' किताब के मुताबिक झुकने के दौरान उस महिला पत्रकार का अंडरवेयर दिख रहा था और सापिन ने उसकी इलास्टिक को खींच दिया.
यह घटना पहले ही उजागर हो गई थी लेकिन तब मंत्री का नाम जाहिर नहीं किया गया था. ''''एलिसी ऑफ'' में कहा गया है कि उस वक्त इस बारे में सापिन के विभाग को सूचित किया गया था लेकिन उन्होंने आरोपों पर कोई ध्यान नहीं दिया. जब अप्रैल में किताब सामने आई तब भी सापिन की प्रवक्ता ने इन दावों को झूठा बताया था. बाद में जब बॉपिन का मामला सामने आया और उस पर अच्छा-खासा विवाद हो गया तो सापिन वाला मामला भी उभर गया. तब सापिन से सफाई मांगी गई.
वीके/आरपी (एएफपी)