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फैसला पढ़कर बयान देंगे मोइली

३० सितम्बर २०१०

भारत के कानून मंत्री एम वीरप्पा मोइली ने कहा है कि वह अयोध्या मामले पर हाई कोर्ट के फैसले को बारीकी से पढ़ने के बाद ही इस पर कोई बयान देंगे की स्थिति में आएंगे. वह इससे पहले प्रधानमंत्री और गृह मंत्री से मिल चुके हैं.

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भारत के कानून मंत्रीतस्वीर: UNI

अयोध्या की विवादित जमीन को तीन हिस्सों में बांटे जाने पर कानून मंत्री की राय पूछे जाने पर मोइली ने कहा, "अभी कई रूप से फैसले के बारे में बताया जा रहा है. वकील अपनी अपनी तरह से इसकी व्याख्या कर रहे हैं. फैसले का पूरा विस्तृत रूप आने दीजिए."

मोइली ने कहा कि इसके बाद वह किसी तरह की टिप्पणी करने में समर्थ होंगे.

इस बीच कांग्रेस ने हाई कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए कहा है कि सभी लोगों को इसे स्वीकार करना चाहिए और किसी भी पक्ष को इसे हार या जीत के रूप में नहीं देखना चाहिए.

कांग्रेस महासचिव जनार्दन द्विवेदी ने इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच के फैसले के बाद कहा, "कांग्रेस बार बार यह कहती रही है कि इस मामले का हल आपसी बातचीत से हो जाना चाहिए नहीं तो अदालत का फैसला माना जाना चाहिए. अदालत ने अपना फैसला दे दिया है. हम सभी को इसका स्वागत करना चाहिए."

उधर विश्व हिंदू परिषद ने भी इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है और कहा है कि कोर्ट ने हिंदू आस्था की पुष्टि की है. परिषद ने कहा कि फैसला आने के बाद अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण का मार्ग प्रशस्त हो गया है.

अदालत ने अयोध्या के विवादित स्थल को तीन हिस्सों में बांटने का फैसला किया है लेकिन उसमें एक बात यह भी है कि आने वाले तीन महीनों तक जमीन अभी वाली हालत में ही बनी रहेगी. इस बीच इससे जुड़े पक्ष सुप्रीम कोर्ट में अपील करने की बात कह चुके हैं.

रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार

संपादनः ए जमाल