फूल लेकर कन्हैया के समर्थन में प्रदर्शन
१८ फ़रवरी २०१६जेएनयू में कथित राष्ट्र विरोधी नारों के बाद हुई छात्रसंघ अध्यक्ष की गिरफ्तारी के बाद से उपजा विवाद थमता नजर नहीं आ रहा. गुरूवार को जेएनयू के छात्रों ने दिल्ली के जंतर मंतर में अपने नेता कन्हैया कुमार की रिहाई को लेकर फिर एक बड़ा प्रदर्शन किया है. पटियाला हाउस कोर्ट कांप्लेक्स में छात्रों और पत्रकारों के साथ हुई मारपीट के विरोध में ये छात्र अपने हाथों में फूल लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं. इस प्रदर्शन में छात्रों के समर्थन में सिविल सोसाइटी के कई लोग भी उतर आए हैं.
छात्रनेता कन्हैया की ओर से सुप्रीम कोर्ट में अपनी जमानत को लेकर एक याचिका दाखिल की गयी है, जिसमें कहा गया है कि उनके खिलाफ कोई सुबूत मिलने से पहले ही उनके साथ गुनेहगार की तरह बर्ताव किया गया है. याचिका में लिखा गया है कि पटियाला हाउस कोर्ट में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बावजूद सुरक्षा नहीं हो पाई. इसलिए उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से जमानत की गुहार लगाई है. इस याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई होनी है. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा बनाए गए वकीलों के एक पैनल ने भी अपनी रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में सुप्रीम कोर्ट को सौंपी है.
उधर जेएनयू पर जारी इस विवाद पर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के नेताओं ने राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी से मुलाकात कर अपनी चिंताएं साझा की हैं. पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी की अगुवाई में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने राष्ट्रपति को एक ज्ञापन सौंपा है. इस मुलाकात के बाद पत्रकारों से बात करते हुए राहुल गांधी ने कहा है कि सरकार देश भर में छात्रों की आवाज को दबाने की कोशिश कर रही है. उन्होंने कहा कि सरकार का काम संस्थानों को बंद करना या खत्म करना नहीं है.
इसके साथ ही दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनके मंत्रीमंडल के कुछ नेताओं ने भी इस मसले पर राष्ट्रपति से मुलाकात की है. इस मुलाकात के बाद केजरीवाल ने कहा, "पूरे मामले में कोई भी छात्र यह नहीं कह रहा कि वह राष्ट्रविरोधी ताकतों के साथ है."
राष्ट्रवाद नहीं उपद्रववाद
दूसरी तरफ बुधवार को सत्तारूढ़ भाजपा के छात्र संगठन एबीवीपी की जेएनयू यूनिट के कुछ पदाधिकारियों ने जेएनयू मामले पर पार्टी के रवैये से असहमत होते हुए एबीवीपी से इस्तीफा दे दिया है. एबीवीपी की जेएनयू यूनिट के जाइंट सेक्रेट्री प्रदीप ने अपने फेसबुक अकाउंट में अपने इस्तीफे का पत्र सार्वजनिक किया है. इस पत्र में लिखा गया है कि उनके अलावा स्कूल फॉर सोशल साइंसेज के एबीवीपी के अध्यक्ष राहुल और सचिव अंकित हंस ने भी जेएनयू के मौजूदा विवाद के साथ ही रोहित वेमुला घटना और मनुस्मृति के बारे में पार्टी के साथ लंबे समय से चले आ रहे मतभेदों के चलते अपना इस्तीफा दिया है. इस पत्र में पटियाला हाउस में हुई घटना और जेएनयू के छात्रों की हुई पिटाई की निंदा करते हुए इन घटनाओं को "राष्ट्रवाद नहीं उपद्रववाद" बताया गया है.
इससे पहले बुधवार को दिल्ली पुलिस कमिश्नर बीएस बस्सी ने कन्हैया कुमार की अपील भरा एक पत्र सोशल मीडिया पर पोस्ट किया था, जिसमें कन्हैया ने कहा है कि जेएनयू में 9 फरवरी 2016 को लगे असंवैधानिक नारों का वे विरोध करते हैं. दिल्ली पुलिस इस मसले पर नर्म रुख रखते हुए यह भी कह चुकी है कि कन्हैया की जमानत से उसे एतराज नहीं है.