फुटबॉल के बाद फॉर्मूला
१९ जुलाई २०१४निको रोसबर्ग ने फुटबॉल विश्व कप में अपने देश जर्मनी की खिताबी जीत के बाद एक खास हेलमेट पहनने की योजना बनाई थी, जिस पर वर्ल्ड कप छपा था. लेकिन उन्हें इसे पहनने की इजाजत नहीं दी गई. अब वह हॉकेनहाइम में जीत हासिल कर इस कमी को दूर करना चाहेंगे. मिषाएल शूमाखर को छोड़ कर किसी जर्मन ड्राइवर को जर्मनी के इस ट्रैक पर कभी सफलता नहीं मिली है.
जर्मनी में कुल 60 बार फॉर्मूला वन ग्रां प्री हुए हैं, जिनमें शूमाखर के अलावा सिर्फ दो और जर्मन ड्राइवरों को कामयाबी मिली है. उनमें फेटल भी एक हैं, जिन्होंने पिछले साल न्यूरबुर्गरिंग के ट्रैक पर पहला स्थान हासिल किया था. इस बार फेटल खिताबी मुकाबले में काफी पीछे चल रहे हैं. पहले नंबर पर रोसबर्ग हैं, जबकि उनके पीछे रोसबर्ग के टीम पार्टनर ब्रिटेन के लुइस हैमिल्टन हैं. फेटल छठे नंबर पर हैं. इनके अलावा हुलकेनबर्ग और आद्रियान सुटिल के तौर पर दो और जर्मन ड्राइवर भी फॉर्मूला वन रेस में हैं.
फॉर्मूला वन में इस साल तकनीकी बदलाव किए गए हैं. इसकी वजह से लगातार चार बार के चैंपियन रेड बुल के फेटल पिछड़ गए हैं. पिछले साल की जीत को याद करते हुए वह कहते हैं, "पिछला साल खास था. उससे पहले मैंने कई बार कोशिश की थी, लेकिन पिछला साल बहुत अच्छा था. इस बार भी मौसम अच्छा है और जाहिर सी बात है कि पूरे जर्मनी में वर्ल्ड कप फुटबॉल की वजह से राष्ट्रीय झंडा लहरा रहा है. ट्रैक पर भी उन झंडों को देखना अच्छा लगेगा." इस सीजन के नौ रेस में वह सिर्फ दो बार पोडियम तक पहुंच पाए हैं.
यह जगह फेटल के लिए इस मायने में भी खास है कि उनका घर हॉपेनहाइम में है, जो हॉकेनहाइम से सिर्फ 30 मिनट की दूरी पर है. उन्होंने अपने रेसिंग करियर की शुरुआत इसी शहर के आस पास की है.
जहां तक पहले नंबर पर चल रहे रोसबर्ग का सवाल है, उनका कहना है, "मैं यहां ड्राइव करने को लेकर बहुत उत्साहित हूं. मैं यहां चैंपियनशिप लीड को बढ़ाना चाहता हूं."
एजेए/एमजे (एपी)