फिर गैंग रेपः सदमा और निराशा
३० मई २०१४बदायूं जिले के कटरा गांव में दोनों चचेरी बहनें अचानक घर से लापता हो गईं. अगली सुबह लोगों को पेड़ से लटकी उनकी लाशें मिलीं. इलाके के एसपी अतुल सक्सेना ने बताया कि 14 और 15 साल की बच्चियां टॉयलेट के लिए खुले मैदान में गई थीं क्योंकि उनके घर पर टॉयलेट नहीं है. इस मामले में चार आरोपियों में से दो को गिरफ्तार किया गया है.
लोग उस वक्त सन्न रह गए, जब सुबह उन्होंने पेड़ से झूलती लाशें देखीं. पोस्ट मॉर्टम से बलात्कार की पुष्टि हो गई है. इससे साफ है कि लटकाने से पहले उनका गला घोंट दिया गया था. ये बहनें दलित समुदाय की थीं. गांव वालों का आरोप है कि एक लड़की के पिता ने जब स्थानीय थाने में उनकी गुमशुदगी की रिपोर्ट करनी चाही, तो थाना प्रभारी ने रिपोर्ट दर्ज करने से भी इनकार कर दिया. कटरा थाना राजधानी लखनऊ से करीब 300 किलोमीटर दूर है. इस घटना के बाद थाना प्रभारी को सस्पेंड कर दिया गया है.
पीड़ित बच्चियों के परिवार वालों का कहना है कि गांव के ही पांच लोगों ने बच्चियों को पेड़ पर लटका दिया. बाद में गांव वालों की नाराजगी और गुस्से के बाद कार्रवाई हुई और दो कांस्टेबलों को भी लापरवाही बरतने के आरोप में सस्पेंड कर दिया गया.
भारत में हर 22 मिनट पर एक बलात्कार होता है. कार्यकर्ताओं का कहना है कि सामजिक वर्जना की वजह से कई मामले दर्ज ही नहीं किए जाते और जो महिलाएं ऐसा करती हैं, उन्हें अजीब नजर से देखा जाता है.
दिल्ली गैंग रेप के बाद भारत में कड़े कानून बने. इसके मुताबिक बलात्कार के दोषियों को मौत तक की सजा हो सकती है. स्वास्थ्य कार्यकर्ता, पुलिस और महिला कार्यकर्ताओं का कहना है कि भारत में कई घरों में टॉयलेट नहीं है और खुले में जाने की वजह से भी महिलाओं के बलात्कार की एक बड़ी वजह है.
करीब 50 करोड़ लोगों के पास निजी टॉयलेट की सुविधा नहीं है. हाल के एक सर्वे में पता चला है कि गरीब घरों की 30 फीसदी महिलाओं को इस वजह से हिंसा का सामना करना पड़ता है.
उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार है, जिसके मुखिया मुलायम सिंह ने चुनाव प्रचार के दौरान बलात्कार के मामले में मौत की सजा के खिलाफ कहा था, "लड़के तो लड़के हैं. वे गलतियां करते हैं."
एजेए/एमजी (एपी, रॉयटर्स)