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फ़ैसले के बाद कसाब को जल्द फांसी देने की मांग

७ मई २०१०

अजमल कसाब को फांसी की सज़ा सुनाने के बाद सभी हल्कों से ये मांग उठ रही है कि उसे जल्द फांसी दी जाए और वेटिंग लिस्ट में न रखा जाए. उधर पाकिस्तान ने कसाब की सज़ा पर संतुलित प्रतिक्रिया दी है.

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तस्वीर: AP

कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने भी कसाब को जल्द से जल्द फांसी देने की मांग की है. मुंबई हमलों में मारे गए राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) के मेजर उन्नीकृष्णन के पिता के उन्नीकृष्णन ने कहा, मैं कसाब की फांसी में कोई देर नहीं चाहता. मैं चाहता तेज़ी से ये कार्रवाई चाहूंगा. के उन्नीकृष्णन का कहना था कि कसाब को फांसी के लिए इंतज़ार वाली सूची में नहीं रखा जाना चाहिए. ऐसी ही कुछ भावनाएं हमलों में मारे गए आंतकवाद निरोधी स्क्वाड, एटीएस के प्रमुख हेमंत करकरे की पत्नी कविता ने भी व्यक्त की. कविता करकरे ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में जाने के विकल्प के बावजूद उसे तुरंत फांसी दी जानी चाहिए.

बीजेपी अध्यक्ष नितिन गड़करी का कहना है कि उन्हें नहीं लगता कि फांसी दी जा सकेगी. उन्होंने अफ़ज़ल गुरु का मुद्दा भी उठाया. वहीं बीजेपी के प्रवक्ता तरुण विजय का कहना है कि सरकार को कसाब को फांसी देने में देर नहीं करनी चाहिए. कसाब एक आतंकवादी था और उसने भारत के ख़िलाफ़ युद्ध छेड़ा था. उसे लंबी भारतीय क़ानून व्यवस्था का फ़ायदा नहीं मिलना चाहिए.

कानून सही

कसाब की फांसी पर राजनीति कर रही बीजेपी को गृहमंत्री पी चिदंबरम ने करारा जवाब दिया है. पोटा जैसे कानून की हिमायत करने वाली बीजेपी से गृहमंत्री ने कहा कि कसाब पर आया फैसला बताता है कि मौजूदा कानून आतंकवाद से निपटने के लिए काफी है. हालांकि उन्होंने कहा कि कुछ बातों पर पुनर्विचार किया जा सकता है. राज्य सभा में बहस का जवाब देते हुए गृहमंत्री ने कहा कि कसाब को सज़ा आतंकवाद निरोधी कानून के आधार पर नहीं दी गई है बल्कि गवाहों से सबूतों के आधार पर मिली.

Palaniappan Chidambaram Innenminister Indien
तस्वीर: AP

संभली हुई प्रतिक्रिया

पाकिस्तान ने कसाब की सज़ा के मामले में संयमित बयान दिया है. इस्लामाबाद ने सज़ा के बाद कसाब को कानूनी सहयोग देने के बारे में भी कोई वादा नहीं किया है. पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अब्दुल बासित ने कहा, "हमने अजमल कसाब की सज़ा का फैसला रिपोर्टों में देखा है. हमारे कानूनविद फैसले को विस्तार से पढ़कर ही कुछ बता पाएंगे. इस वक्त मैं सिर्फ ये कह सकता हूं पाकिस्तान ने मुंबई हमलों की कड़ी निंदा की थी और ये अहम है कि दोषियों को सज़ा दी जाए."

सवालों का जवाब देते हुए बासित ने कहा कि भारत में कसाब के वकील तय करेंगे कि आगे क्या करना है. "ये तय है कि पाकिस्तान बाहर रह रहे अपने नागरिकों को हर संभव सलाह देने को प्रतिबद्ध है. लेकिन हमें ये साफ करना होगा कि कहां सहायता ज़रूरी है और क्या ये कानूनी है. साथ ही ये भी कि क्या इस सहायता की ज़रूरत है."

रिपोर्टः एजेंसियां/आभा मोंढे

संपादनः ओ सिंह

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