प्रॉपर्टी के अजीब पचड़े
कभी कभी शहरों के बड़े प्रोजेक्ट में स्थानीय लोगों का ख्याल नहीं रखा जाता. लेकिन कुछ मामलों में बिल्डरों का ऐसे अड़ियल लोगों से पाला पड़ता है कि उन्हें ही हार माननी पड़ती है. देखें ऐसे ही कुछ प्रसिद्ध प्रॉपर्टी विवाद.
जेल-बसेरा
उत्तरी ब्रसेल्स के हारेन जिले में एक बड़े जेल के निर्माण का प्रस्ताव आया. ऐसी कोई मेगाजेल अपने पड़ोस में ना चाहने वाले इसका विरोध कर रहे हैं. उन्होंने अगस्त 2014 से ही जेल के लिए प्रस्तावित जमीन पर डेरा डाला हुआ है. 18 हेक्टेयर जमीन में तंबुओं, झोपड़ियों के अलावा कई सामुदायिक बाग भी बस गए हैं. पुलिस के साथ कई झड़पें झेल चुके निवासी 2015 के अंत में इस पर अंतिम फैसले का इंतजार कर रहे हैं.
वर्टिकल झुग्गी
वेनेजुएला की राजधानी काराकस शहर के बीचोबीच स्थित इस 45 मंजिलों वाली गगनचुंबी इमारत को झुग्गी मानना थोड़ा मुश्किल लगता है. दुनिया का सबसे ऊंचा यह स्लम 'टावर ऑफ डेविड' कहलाता है. 2014 में इसके निवासियों को निकाल दिया गया. एक समय इसमें करीब 3,000 लोग रहा करते थे.
100 फीसदी टेंपेलहोफ
शीतयुद्ध के काल में बर्लिन के एयरलिफ्ट का केन्द्र रहा टेंपेलहोफ एयरपोर्ट 2008 में बंद हो गया. इसे सार्वजनिक पार्क के रूप में खोल दिया गया और लोगों ने इसे अपनी जगह मान लिया है. न्यूयॉर्क के सेंट्रल पार्क जितनी बड़ी इस खुली जगह को ऐसे ही बरकरार रखने पर मई 2014 में वोटिंग हुई. भविष्य में यहां खेलकूद या ओपेन एयर सिनेमा के निर्माण की योजना है.
श्टुटगार्ट 21
2010 में जब श्टुटगार्ट के मुख्य रेलवे स्टेशन के पुनर्निर्माण की योजना बनी तो हजारों लोग इसके विरोध में सड़कों पर आ गए. नई हाई स्पीड ट्रेनों के लिए ट्रैक तैयार करने के लिए श्लॉसगार्टेन इलाके में आसपास के करीब 180 पेड़ों को काटना पड़ता. भारी कीमत और पर्यावरण को नुकसान के विरूद्ध होने के बावजूद 2011 में हुए रेफरेंडम में 60 फीसदी लोगों ने प्रोजेक्ट का समर्थन कर दिया.
नेल हाउस
चीन के तेजी से विकास करते शहरों में संघर्ष के कई ऐसे मामले हैं. रॉयटर्स के अनुसार, 2008 में बीजिंग ओलंपिक की तैयारी के दौरान करीब 15 लाख लोगों को विस्थापित किया गया था. आयोजक इसे बढ़ा चढ़ाकर बताई गई संख्या कहते हैं. कई मामलों में लोगों ने मुआवजा लेने से मना कर दिया, जिसका नतीजा ऐसा नजर आता है.
जबर्दस्ती बाहर
2016 में रियो दे जनेरो में होने वाले ग्रीष्मकालीन ओलंपिक की तैयारी में वहां भी खूब निर्माण कार्य चल रहा है. एक खास ओलंपिक पार्क बनाने के लिए गोल्फ कोर्स (तस्वीर में) के अलावा विला ओटोड्रोमा फावेल समुदाय के लोगों को विस्थापित करना पड़ा. यहां के करीब 700 निवासियों ने मुआवजा स्वीकार कर लिया लेकिन कुछ अब भी पानी और बिजली की कमी के बावजूद यहीं रह रहे हैं.