'पैसा कमाने की मशीन न बनें निजी स्कूल'
२९ अगस्त २०१०चिदंबरम का कहना था कि बच्चों की शिक्षा हर भारतीय परिवार में सबसे अहम होती है. इस कारण छोटे छोटे कई स्कूल खुल गए हैं और "बदलाव के इस दौर में इसे पूरी तरह रोका भी नहीं जा सकता. लेकिन हम उन्हें पैसा कमाने की मशीन नहीं बनने दे सकते."
चेन्नई में लोयोला वर्ल्ड एल्युमनी कांग्रेस में चिदंबरम ने कहा कि अब तक निजी क्षेत्र के लिए किसी तरह के नियामक नहीं थे लेकिन इनकी जरूरत है. उन्होंने कहा, "कुछ चाहिए ताकि शिक्षा की गुणवत्ता पर नजर रखी जा सके और इस पर नजर रखी जानी चाहिए जिसके लिए नियम लागू किए जा रहे हैं."
इसके लिए उन्होंने संसद में बिल लाने की भी बात कही. भाषण के दौरान चिदंबरम ने दो समुदायों के बीच नफरत पर भी चिंता जताई. उन्होंने उड़ीसा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक से अपील की कि वे 2008 में विस्थापित ईसाइयों को फिर से बसाना सुनिश्चित करें.
चिबंदरम ने कहा कि बड़ी यूनिवर्सिटी तभी अपनी कोशिशें जारी रख सकती हैं, अगर पुराने छात्र उन्हें कुछ देते हैं. यह अब भारत में होने लगा है, यहां तक कि आईआईटी में भी.
रिपोर्टः पीटीआई/आभा एम
संपादनः वी कुमार