पेगीडा का विरोध
हैम्बर्ग, हनोवर, श्वेरीन, बर्लिन, डुसेलडॉर्फ, सारब्रुकेन, म्यूनिख और लाइपजिष, जर्मन शहरों में 100,000 से ज्यादा लोगों ने सहिष्णुता के पक्ष में रैलियों में हिस्सा लिया और इस्लाम विरोधी पेगीडा के खिलाफ आवाज उठाई.
आतंक और नस्लवाद के खिलाफ हैम्बर्ग
हैम्बर्ग में 4000 लोगों ने आजादी, बराबरी और भाइचारे के सामर्थन में प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों में जर्मनी की विदेशियों के मामलों की मंत्री आयदान ओएजोगुज भी थीं. बहुत से लोगों ने शार्ली एब्दॉ के साथ एकजुटता का प्रदर्शन किया. हैम्बर्ग में पेगीडा का प्रदर्शन नहीं हुआ.
ब्रांडेनबुर्ग गेट पर प्रदर्शन
बर्लिन में 4000 लोग पेगीडा की सहयोगी संस्था बैर्गीडा के खिलाफ प्रदर्शन के लिए इकट्ठा हुए. वे शहर केंद्र में संसद भवन के निकट स्थित ब्रांडेनबुर्ग गेट के एक ओर थे तो दूसरी ओर बैर्गीडा के 400 लोग प्रदर्शन कर रहे थे.
लाइपजिष में सबसे बड़ा प्रदर्शन
लाइपजिष में इस्लाम विरोधी लेगीडा के खिलाफ स्पष्ट संकेत देते हुए 30,000 लोग इकट्ठा हुए. लेगीडा के 300 लोग प्रदर्शन में आए. यह वह शहर है जहां से पूर्वी जर्मनी के साम्यवादी शासन के खिलाफ सोमवार का प्रदर्शन शुरू हुआ था.
कॉस्मोपोलिटन म्यूनिख
बवेरिया की राजधानी में 20,000 लोगों ने म्यूनिख रंग बिरंगा नारे के साथ रैली में हिस्सा लिया. म्यूनिख के मेयर डीटर राइटर ने कहा, "हम नस्लवाद, यहूदीविरोधवाद और दक्षिणपंथी हिंसा के हर रूप के खिलाफ हैं."
डुसेलडॉर्फ में बत्ती गुल
डुसेलडॉर्फ में इस्लामविरोधी डुगीडा के 350 समर्थकों ने रैली निकाली. इस रैली के विरोध में प्रांतीय राजधानी की प्रमुख इमारतों ने बत्तियां गुल कर दीं. करीब 5000 लोगों ने असहिष्णुता और विदेशी विरोध के खिलाफ प्रदर्शन किया.
सारब्रुकेन में भी प्रदर्शन
फ्रांस की सीमा पर स्थित प्रांत सारलैंड की राजधानी में 9000 लोगों ने पेगीडा की सहयोगी सारगीडा की पहली रैली के खिलाफ प्रदर्शन किया. प्रदर्शन में सारलैंड की सरकार की पूरी कैबिनेट ने हिस्सा लिया.