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मंथन 106 में खास

२५ सितम्बर २०१४

मंथन में इस बार देखिए कि बेकार हो चुके जहाजों को तोड़ कर उनसे कौन सा सामान निकाला जाता है और क्या फायदा होता है इससे..

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तस्वीर: J.-S.Evrard/AFP/Getty Images

मंथन 106 में खास

2012 में इटली के गीलो द्वीप पर लक्जरी जहाज कोस्टा कॉन्कोर्डिया दुर्घटनाग्रस्त हो गया था जिसे फिर काम में नहीं लाया जा सकता. इस तरह के टूट-फूट के शिकार हुए या पुराने हो चुके जहाजों को तोड़कर उनसे काम की चीजें निकालने का कारोबार काफी बड़ा हो चुका है. भारत और बांग्लादेश जैसे देशों के अलावा यह काम यूरोप में भी किया जा रहा है.

रॉकेट प्रक्षेपण

क्या आपने कभी सोचा है कि अंतरिक्ष अभियान के लिए भेजे जाने वाले रॉकेट कुछ खास जगहों से ही क्यों छोड़े जाते हैं. भारत अपने ज्यादातर रॉकेट श्रीहरिकोटा से छोड़ता है तो यूरोप के रॉकेट फ्रेंच गयाना से अंतरिक्ष में जाते हैं. असल में रॉकेट प्रक्षेपण के लिए ऐसी जगहें चुनी जाती हैं जो विषुवत रेखा के करीब हों. इस बारे में विस्तार से होगी बात इस बार मंथन में.

जंगल में मंगल

बड़े पैमाने पर कॉरपोरेट खेती ने कई देशों में जंगलों की हालत खराब कर रखी है. लंबे वक्त तक अपने वर्षावनों के लिए मशहूर रहे दक्षिण अमेरिकी महाद्वीप, अब औद्योगिक खेती की सबसे ज्यादा कीमत चुका रहे हैं. पैराग्वे जैसे गरीब देश में 'वर्ल्ड वाइल्ड लाइफ फंड' जैसी संस्था अब जंगलों को बचाने में आदिवासियों की मदद कर रही है. उनकी पहलकदमियों पर होगी मंथन में बात.

जाली नोट की पकड़

जाली नोट पकड़ना या जल-कट कर खराब हो चुके नोटों के बदले पैसे लौटाना, बैंकों के लिए यह आसान काम नहीं होता. जर्मनी के सरकारी बैंक, बुंडेसबांक ने सुरक्षा के खास कदम उठाए ही हैं, इस काम के लिए खास एक्सपर्ट भी रखे गए हैं. इस बार मंथन में देखिए कि कैसे आंकते हैं ये एक्सपर्ट्स.

छाया से अद्भुद कला

साथ ही होगी मुलाकात एक कास कलाकार से. ग्रीस के एक कलाकार धातु के टुकड़ों को जोड़कर कुछ ऐसा बनाते हैं कि देखने वालों को कुछ समझ में नहीं आता. पहली नजर में ऐसा लगता है जैसे कुछ बनाने की कोशिश नाकाम हो गई हो. लेकिन इसके बाद जब उनके बनाए ढांचे पर रोशनी डाली जाती है तो छाया के जरिए कला का अद्भुत नमूना लोगों को आगोश में ले लेता है.

इस सब के लिए देखना न भूलें मंथन शनिवार सुबह साढ़े दस बजे डीडी नेशनल पर.

एसएफ/आईबी