पुतिन और एर्दोआन की मुलाकात में सीरिया पर चर्चा
१० मार्च २०१७रूस और तुर्की दोनों ही देश सीरिया के मुद्दे पर मध्यस्थता के प्रयास शुरू कर चुके हैं और वहां आपसी समन्वय बिठाते हुए सैनिक कार्रवाई करने पर ध्यान दे रहे हैं. दोनों देशों ने दिसंबर 2016 में एक युद्धविराम समझौते तक पहुंचने में कामयाबी पायी थी, जिससे सीरिया में राष्ट्रपति बशर अल असद और विपक्ष के बीच हिंसा को कुछ हद तक कम करने में मदद मिली थी. इसके अलावा दोनों देश इस साल असद सरकार के समर्थकों और उनके विरोधियों की वार्ता के सहप्रायोजक की भूमिका में भी रहे. इस वार्ता का तीसरा चक्र मार्च के मध्य में होना तय हुआ है.
दूसरी ओर, सीरिया में आईएस के खिलाफ जारी हिंसक संघर्ष में रूस और तुर्की दोनों सैनिक कार्रवाई भी कर रहे हैं. फरवरी में एक रूसी हवाई हमले की चपेट में आने से तीन तुर्क सैनिक भी मारे गये थे. इस घटना के बावजूद दोनों के बीच सैन्य सहयोग का सिलसिला नहीं टूटा और मॉस्को वार्ता में दोनों नेता इस बाबत सहयोग को और मजबूत बनाने पर चर्चा कर सकते हैं. इसका एक कारण यह भी है कि बीते साल तुर्क सेना द्वारा रूसी जेट को मार गिराने के बाद तुर्की राष्ट्रपति एर्दोआन ने इसके लिए तुरंत माफी मांग ली. फिर पुतिन ने भी जुलाई में तुर्की में तख्तापलट की असफल कोशिश के बाद एर्दोआन के प्रति पक्का समर्थन जताया.
शुक्रवार को होने वाली इस मुलाकात के कुछ ही दिन पहले रूस, अमेरिका और तुर्की के सैन्य प्रमुखों ने तुर्की के अनताल्या में मिल कर सैनिक कार्रवाई को और प्रभावी बनाने के रास्ते तलाशे. उनका जोर इस पर भी रहा कि सीरिया में इस्लामिक स्टेट के खिलाफ लड़े रहे सभी पक्षों के बीच परस्पर भरोसा बढ़ाया जा सके. सीरिया में तुर्की के समर्थन वाली विपक्षी सेना है, तो अमेरिका के समर्थन वाली कुर्द सेना भी. वहीं रूस अपने साथी सीरिया के शासक असद की सरकारी सेना की मदद में सैन्य कार्रवाई कर रहा है. सीरिया में आतंकी समूह आईएस के खिलाफ रूस और तुर्की के बीच सहयोग बढ़ना दोनों देशों की सालों पुरानी स्थितियों से बड़ा बदलाव होगा. पिछले करीब छह साल से सीरिया युद्ध की चपेट में है और तुर्की और रूस दोनों सीरिया के अलग अलग पक्षों की मदद करते आए हैं.
रूस धीरे धीरे तुर्की के खिलाफ लगाये गए आर्थिक प्रतिबंधों को हटा रहा है. क्रेमलिन में द्विपक्षीय वार्ता के एक शाम पहले ही रूस ने तुर्की से कुछ और कृषि उत्पादों के आयात पर लगी रोक हटा दी. क्रेमलिन के अनुसार वार्ता में रूस की प्रस्तावित प्राकृतिक गैस की पाइपलाइन और तुर्की में परमाणु ऊर्जा प्लांट स्थापित करने की योजनाओं पर भी चर्चा होगी.
आरपी/ओएसजे (एपी,डीपीए)