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पीसीपीए का ट्रेन हादसे में भूमिका से इनकार

३१ मई २०१०

माओवादी समर्थित पुलिस अत्याचार विरोधी समिति (पीसीपीए) ने ज्ञानेश्वरी एक्सप्रेस के 13 डिब्बे पटरी से उतरने के मामले में अपनी भूमिका से इनकार किया है. समिति ने सीपीएम पर षड़यंत्र रचने का आरोप भी लगाया है.

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तस्वीर: AP

पीसीपीए के संयोजक असित महतो ने कहा, "रेल गाड़ियों को निशाना बनाने का हमारा कोई इरादा नहीं है. हम इस घटना में हुई आम लोगों की मौत की निंदा करते हैं और इस पर दुख जताते हैं." एक दिन पहले ही पुलिस ने दावा किया कि ट्रेन के 13 डिब्बों को पटरी से उतारने में पीसीपीए के उन दो सदस्यों का हाथ हो सकता है जिन्हें हाल ही में रिहा किया गया. महतो का कहना है, "राजनीति से प्रेरित इस तरह के बयान हमें जनता से काटने के लिए लगाए जा रहे हैं."

Indien Anschlag auf Nacht-Expresszug bei Sardiha
तस्वीर: AP

सीपीएम के नेताओं पर आरोप लगाते हुए महतो ने कहा, "ट्रेन दुर्घटना के बहाने वे षड़यंत्र रचकर अफरातफरी फैलाने की कोशिश कर रहे हैं. उनका मकसद हमें झारग्राम में बदनाम कर लोगों से अलग करना है." पीसीपीए नेता का कहना है कि सीपीएम रेल मंत्री ममता बनर्जी को भी राजनीतिक रूप से अलग थलग करनने की योजना बना रही है ताकि यूपीए के कहने पर उन्हें मंत्रिमंडल से इस्तीफा देना पड़े.

रेल मंत्री ने रविवार को कहा कि पश्चिम बंगाल में नगरपालिका के चुनाव से दो दिन पहले ट्रेन के डिब्बों के पटरी से उतरने के पीछे राजनीतिक साजिश है. उन्होंने कहा, "जिसने भी यह किया है. यह एक राजनीतिक षडयंत्र था. यह घटना नगर पालिका चुनावों से दो दिन पहले हुई है. कोई राजनीतिक रूप से हमारे खिलाफ हो सकता है. लेकिन जिस तरह से राजनीतिक हितों को साधने के लिए इसे अंजाम दिया गया, उस पर मुझे बहुत अफसोस है."

पीसीपीए के नेता महतो कहा कि वह ट्रेन दुर्घटना पर दुख जताने के लिए झारग्राम में जुलूस निकालेंगे और वह इसकी कड़ी निंदा करते हैं जिसमें आम निर्दोष लोगों की जानें गई हैं. इस घटना में अब तक 148 लोग मारे जा चुके हैं.

रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार

संपादनः एस गौड़