पिता के नाम का बोझ ढोते खिलाड़ी
५ नवम्बर २०१२दुनिया भर के खेल सितारों के बच्चों में थियागो सबसे नया है और किसी को इस बात की उम्मीद नहीं करनी चाहिए कि वह खेल के मैदान पर अपने पिता के करिश्मे को दोहराएगा. लगातार तीन बार से दुनिया के बेहतरीन फुटबॉल खिलाड़ी चुने जा रहे लियोनेल मेसी की गर्लफ्रेंड अन्दोनेला रोकुज्जो ने शुक्रवार को बार्सिलोना के एक अस्पताल में मेसी के बच्चे को जन्म दिया. मेसी ने पहले ही बता दिया था कि बच्चे का नाम थियागो रखा जाएगा. मेसी ने फेसबुक पर लिखा, "आज मैं दुनिया का सबसे खुश इंसान हूं, मेरे बेटे ने जन्म लिया है और ईश्वर को इस तोहफे के लिए बहुत शुक्रिया."
थियागो अपने पिता की तरह महान फुटबॉलर बनेगा या फिर एथलीट, यह तो आने वाला वक्त बताएगा लेकिन इस पर चर्चा जरूर होने लगी है. क्रॉयफ, माराडोना, बेकेनबाउवर, जॉर्डन या मर्क्स के उदाहरण तो यही बताते हैं कि किसी भी बड़े खेल सितारे के बच्चे के लिए अपने पिता के पदचिन्हों पर चल पाना व्यावहारिक रूप से मुमकिन नहीं हो पाता.
फुटबॉलर जॉर्डी क्रॉयफ कहते हैं, "जितना लोग सोचते हैं उससे यह कहीं ज्यादा जटिल है क्योंकि आप हमेशा तुलना के चक्कर में मारे जाते हैं. जब आप पक्के हो रहे होते हैं तब आप को अकसर ज्यादा दबाव झेलना पड़ता है." जॉर्डी क्रॉयफ का करियर उनके पिता योहान क्रॉयफ की तुलना में बहुत छोटा ही रहा. हालांकि उन्होंने बार्सिलोना और मैनचेस्टर यूनाइटेड के लिए खेला. इसके अलावा वह नीदरलैंड के लिए भी नौ बार खेल चुके हैं.
इसी तरह महान फुटबॉल खिलाड़ी पेले के बेटे एडिन्हो ने पिता से अलग दिखने के लिए गोलकीपर के रूप में अपना करियर आगे बढ़ाया. पांच साल तक ब्राजीलियाई क्लब सांतोस में गोलकीपर रहने के बावजूद सुर्खियों में उनका दो बार नशीली दवाओं की तस्करी के लिए हुई गिरफ्तारियां ही रहीं. उनके इस क्लब के लिए पेले किसी भगवान से कम नहीं. एडिन्हो कहते हैं, "खिलाड़ी के रूप में जब मेरा करियर शुरू हुआ तब मुझ पर पूरी दुनिया का दबाव था. मैं बिना कुछ किए ही काफी मशहूर था और मुझ पर जितनी बड़ी जिम्मेदारी थी उसके लिए मैं तैयार नहीं था."
मशहूर जर्मन फुटबॉलर फ्रांत्स बेकेनबाउवर के बेटे श्टेफान बेकेनबाउवर इस मामले में थोड़े ठीक रहे हैं. वह कम से कम पहले और दूसरे दर्जे के मैच में कुछ अच्छा कर पाने में कामयाब रहे. लेकिन डिएगो माराडोना के बेटे सिंगारा तो कभी तीसरे दर्जे से आगे ही नहीं बढ़ पाए. ऐसा नहीं कि यह हाल सिर्फ फुटबॉल का ही हो. मशहूर पोल वॉल्टर सर्गेई बुबका के बेटे ने टेनिस में हाथ आजमाया और वो एटीपी रैंकिंग में 188वें नंबर पर हैं. गिर कर चोट खाने की वजह से फिलहाल वह अस्पताल में हैं. शिकागो को सुपरस्टार बास्केटबॉल खिलाड़ी माइकल जॉर्डन के बेटों मार्कस और जेफरी जॉर्डन ने 21 और 23 साल की उम्र में ही बास्केटबॉल को अलविदा कह दिया.
हां इस मामले में मोहम्मद अली की बेटी लैला अली जरूर बहुत आगे नजर आती हैं. लैला अली ने महिलाओं की बॉक्सिंग में दो बार वर्ल्ड चैम्पियन का खिताब जरूर जीता है. सुनील गावसकर के बेटे रोहन गावसकर तो रणजी में उलझकर रह गए हैं. लाला अमरनाथ के बेटों ने जरूर राष्ट्रीय टीम में जगह बनाई, लेकिन पिता की ऊंचाई हासिल नहीं कर पाए.
एनआर/एमजे(डीपीए)