पारे का निपटारा
यह जहरीला है, भारी है और हमारे घरों के बल्ब और थर्मोमीटरों में मौजूद है. भारी धातु पारा अगर आसपास के वातावरण में मिल जाए तो सभी जीवों को नुकसान पहुंचा सकता है. देखें पारे के निपटारे के सुरक्षित तरीके.
खूबसूरत लेकिन जानलेवा
मनुष्य प्राचीन काल से ही मरकरी यानि पारे का इस्तेमाल करता आया है. मध्य काल में इसका एल्केमी और दवाएं बनाने में विशेष उपयोग था. यह आधुनिक काल में पता चला कि यह भारी धातु असल में काफी जहरीली है.
ऊर्जा बचाने वाले बल्बों से नुकसान
फ्लोरोसेंट लाइटिंग में भी पारे का इस्तेमाल होता है. इससे ऊर्जा तो बचती है लेकिन बाद में ऐसे बल्बों का निपटारा एक समस्या बन जाता है. इन्हें दूसरे आम कचरे के साथ नहीं फेंकना चाहिए क्योंकि इनमें पारा होता है.
श्रेडर में नष्ट
जर्मनी के एस्सेन में डीईएलए रिसाइक्लिंग कंपनी का फोर्कलिफ्ट ऑपरेटर फ्लोरोसेंट ट्यूबों के ढेर को उठाकर एक श्रेडर में डाल देता है. मरकरी को बाहर लीक होने से रोकने के लिए इसमें एक फिल्टरिंग वेंटिलेशन सिस्टम लगा होता है.
सिलो में कैद
श्रेड हो चुकी फ्लोरोसेंट ट्यूबें सीलो में एकत्रित की जाती हैं. इसके बाद एक स्पाइरल संरचना वाला कन्वेयर इन्हें सावधानी से ग्लास-वॉशिंग की जगह पर ले जाता है.
वॉशिंग मशीन में
कई कर्मचारी मिलकर कांच के टुकड़ों के ढेर को धोते हैं और उसमें से ल्यूमिनिसेंट पदार्थ और मरकरी निकाल लेते हैं.
शुद्ध कांच
लाइट बल्बों से निकाला गया कांच कई औद्योगिक प्रक्रियाओं के लिए काफी महत्वपूर्ण होता है. इसका कारण यह है कि ऐसा कांच बहुत ऊंचे तापमान और कई तरह के दबाव भी झेल सकता है. बल्ब उत्पादक शुद्धतम कांच का इस्तेमाल करते हैं.
वैक्यूम ड्राईंग
कांच की धुलाई की प्रक्रिया में काम की चीजें अलग कर लेने के बाद भी पीछे कुछ कचरा छूट जाता है जिसमें पारे की काफी मात्रा होती है. सामान्य लिक्विड डिस्टिलेशन प्रक्रिया में इसमें से पारे को डिस्टिल कर लिया जाता है.
बहुमूल्य जगमगाहट
शुद्ध इल्यूमिनेंट को फिर से लाइटबल्ब उत्पादकों को लौटा दिया जाता है. वे भी खुशी खुशी इसका दाम देने को तैयार रहते हैं क्योंकि इसमें दुर्लभ तत्व ईट्रियम और यूरोपियम पाए जाते हैं.
डिस्टिलेट
वैक्यूम ड्रायर से शुद्ध पारा निकलता है. शुद्ध होने के कारण इसका घनत्व बहुत ज्यादा होता है. इतने ही आयतन वाले लोहे के मुकाबले 1.7 गुना ज्यादा भारी होता है.
डीटॉक्स
सल्फर को इस मशीन के बाएं हिस्से की ओर भेजा जाता है और ऊपर से आता है तरल पारा. इन दोनों के मिलने से मरकरी सल्फाइड बनता है, जो जहरीला नहीं होता और वातावरण में स्थाई रहता है.
रेड मरकरी सल्फाइड
मरकरी सल्फाइड को पुरानी खदानों में बने स्टोरेज में रखा जा सकता है. पुरानी पड़ी चुकी खदानों को भरने और उन्हें स्थायित्व देने के लिए रॉक फिलिंग के साथ इनकी खूब उपयोगिता है.
निपटारे की कला
मरकरी सल्फाइड से बना मॉर्डन आर्ट का यह नमूना जर्मनी के डॉर्स्टन में स्थित डीईएलए रिसाइक्लिंग कंपनी की दीवार टंगा है.