पाकिस्तान दौरे पर बाइडन, आतंकवाद पर होगी चर्चा
१२ जनवरी २०११अफगानिस्तान से लगने वाले पाकिस्तान के कबायली इलाकों को तालिबान और अल कायदा की शरण स्थली माना जाता है. एक अमेरिकी अधिकारी ने बताया कि अमेरिकी उप राष्ट्रपति पाकिस्तान में राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी और प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी से मुलाकात कर अमेरिका और पाकिस्तान के रिश्तों पर चर्चा करेंगे. साथ ही इस बात पर भी चर्चा होगी कि दोनों देश कैसे क्षेत्र में शांति और स्थिरता को बढ़ावा दे सकते हैं. अधिकारी के मुताबिक, "बाइडन पाकिस्तानी सेना के अधिकारियों से भी मिलेंगे और आतकंवाद व चरमपंथ के खिलाफ लड़ाई में साझा कोशिशों पर बात होगी."
पाकिस्तान की सरकारी समाचार एजेंसी एपीपी ने खबर दी है कि बाइडन पाकिस्तान को आर्थिक, सैन्य और खुफिया पैकेज भी दे सकते हैं ताकि वह आतंकवाद के खिलाफ युद्ध की वजह से पैदा होने वाली आर्थिक समस्याओं से निपट सके. पाकिस्तानी सरकार का कहना है कि उग्रवाद से निपटने पर ही उसके राष्ट्रीय संसाधन खर्च हो रहे हैं जिसकी वजह से देश में विशाल वित्तीय घाटा, ईंधन और ऊर्जा की कमी हो रही है.
बाइडन काबुल से इस्लामाबाद पहुंचे हैं. अफगान राष्ट्रपति हामिद करजई से हुई अपनी मुलाकात में बाइडन ने अफगानिस्तान में अमेरिकी सैनिकों की मौजूदगी पर चर्चा की जो वहां मौजूद एक लाख चालीस हजार सैनिकों वाली विदेशी सेना का हिस्सा हैं.
अमेरिकी अधिकारी पाकिस्तान के साथ अपने तनावपूर्ण रिश्तों को बेहतर बनाना चाहते हैं. इसके लिए सैन्य मदद के अलावा बड़ी असैन्य मदद का वादा किया जा रहा है ताकि परमाणु शक्ति से लैस पाकिस्तान अपनी खस्ता हाल अर्थव्यवस्था को दुरुस्त कर सके. पिछले साल आई बाढ़ से निपटने के लिए भी अमेरिका ने पाकिस्तान को करोड़ों डॉलर की मदद दी.
उत्तरी वजीरिस्तान में संदिग्ध अमेरिकी ड्रोन हमले के चंद घंटे बाद बाइडेन पाकिस्तान पहुंचे जिसमें तीन विदेशी उग्रवादियों के मारे जाने की खबर है. अमेरिका इस तरह के हमलों की जिम्मेदारी नहीं लेता है, लेकिन अफगानिस्तान में तैनात अमेरिकी सेना और खुफिया एजेंसी सीआईए के पास ही सिर्फ यह तकनीक है जिसके जरिए मानवरहित विमान से कबायली इलाकों में हमले किए जाते हैं. पाकिस्तान सरकार सार्वजनिक तौर पर इन हमलों का विरोध करती है.
रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार
संपादनः आभा एम