पाकिस्तान के खूबसूरत ट्रक
तीन पहिये पर शांति
रंग बिरंगे रिक्शा पाकिस्तान के कराची में सबका ध्यान खींचते हैं. ये शांति का संदेश देने वाली गाड़ियां हैं.
कलाकार
देश में कई बसों और ट्रकों की तरह इन रिक्शा को भी रंग बिरंगे डिजाइनों से सजाया गया है. फर्क इतना कि इस पर शांति के स्लोगन भी लिखे हुए हैं.
पारंपरिक
रंगीन डिजाइन और विविध रंगों वाले आकार पाकिस्तान के ट्रकों और बसों पर आम हैं.
अभियान का विस्तार
पाकिस्तान यूथ अलायंस ने कराची में पीस रिक्शा अभियान की शुरुआत की क्योंकि यहां पौने दो लाख के करीब लोग जातीय, राजनीतिक और सांप्रदायिक हिंसा का शिकार हैं.
ट्रक पर
ये रंग बिरंगे रिक्शा ट्रक की स्टाइल में सजे हैं. इस पर औरतों, प्यार और फूलों की शायरी नहीं बल्कि शांति का संदेश है.
कलर और डिजाइन
डबल्यू 11 कराची का सबसे व्यस्त रूट है. और इस पर सबसे ज्यादा सजी हुई बसें चलती हैं. लंदन में एक बस और सिडनी में एक ट्रैम को इस तरह सजाया गया और डबल्यू 11 का नाम दिया गया.
हट के
'पप्पू यार तंग न कर' जैसे जुमलों की जगह 'पप्पू यार झगड़ा मत कर', या फिर सूफी नज्म या कुरान से लिए शांति के संदेश लिखते हैं.
ऐसा भी
कुछ गाड़ियों पर लिखा होता है, 'रिक्शा चला रहा हूं, गोली तो नहीं.' जबकि एक अन्य रिक्शा पर उर्दू अखबार की कटिंग है, 'दीन में जबर नहीं.'
सांस्कृतिक विरासत
ट्रक या बस पर बनाई गई तस्वीरें और स्लोगन बता देते हैं कि यह ट्रक किस इलाके का होगा या इसका मालिक कहां का है.
प्रोजेक्ट का विस्तार
25 हजार अमेरिकी डॉलर के अनाम दान के साथ ग्रुप ने पांच रिक्शा सजाई हैं और 50 और सजाना चाहता है.