पाकिस्तान की पहली लड़ाकू पायलट
आयशा फारूख पाकिस्तान की वह पहली महिला पायलट हैं जिन्होंने लड़ाकू विमान उड़ाने के लिए अंतिम परीक्षा भी पास कर ली.
26 साल की आयशा को अपने पुरुष साथियों के साथ काम करने में जरा भी अलग महसूस नहीं होता. वह कहती हैं सब का काम एक जैसा है तो फर्क कैसा.
पाकिस्तानी समाज में लड़कियों के लिए लड़ाकू विमान उड़ाने के सपने देखना अनोखी बात है.
पारिवारिक दबाव और पुरुषों का प्रभाव अक्सर महिलाओं को इस बात के लिए मजबूर करता है कि वे इस तरह के किसी करियर को अपनाने का सपना भी ना देखें.
पाकिस्तानी वायु सेना में इस समय 316 महिलाएं काम करती हैं. हालांकि युद्ध में महिलाओँ की भागीदारी पर पाबंदी है.
आयशा उन 19 महिलाओं में से हैं जिन्होंने बीते 10 साल में वायुसेना में ट्रेनिंग ली, लेकिन लड़ाकू विमान उड़ाने वाली वह पहली हैं.
आयशा मानती हैं कि पाकिस्तान के भौगोलिक और राजनैतिक हालात देखते हुए यह बहुत जरूरी है कि हर समय देश की रक्षा के लिए तैयार रहा जाए.
अपने और पुरुष साथियों के सामने नाजुक दिखने वाली आयशा ने वायु सेना में शामिल होने का फैसला अपने परिवार के विरूद्ध जाकर लिया था.
पाकिस्तान सेना में वैसे तो करीब चार हजार महिलाएं काम करती हैं, लेकिन उनके जिम्मे केवल डेस्क पर किए जाने वाले काम ही आते हैं.