पाकिस्तानी पीएम के घर के आगे आत्मदाह
२१ सितम्बर २०१०मुल्तान शहर में 30 साल के मोहम्मद अकरम ने प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी के पारिवारिक घर के सामने खुद को आग लगा ली. उस वक्त वहां दर्जनों लोग मौजूद थे. पुलिस अधिकारी रिजवान खान ने बताया, "वह 90 प्रतिशत जल चुका था. डॉक्टरों ने उसे बचाने की खूब कोशिश की, लेकिन नाकाम रहे." अकरम ने जब खुद को आग लगाई तो प्रधानमंत्री गिलानी घर में मौजूद नहीं थे.
अकरम मुल्तान से 60 किलोमीटर दूर जामपुर कस्बे का रहने वाला था. अकरम के भाई मोहम्मद आसिफ ने बताया कि वह कई महीनों से काम की तलाश कर रहा था. आसिफ के मुताबिक, "वह चौकीदार की नौकरी कर रहा था, लेकिन इससे उसका गुजारा नहीं चल पा रहा था. इसलिए उसने अप्रैल में नौकरी छोड़ दी. हमारा मिट्टी का घर था, लेकिन वह भी बाढ़ में बह गया. अब हम बेघर हैं."
पाकिस्तान में जुलाई से आई बाढ़ के कारण एक करोड़ लोग अब भी बेघर हैं और अरबों की संपत्ति नष्ट हो चुकी है. लेकिन दो महीने से ज्यादा गुजर जाने के बाद भी बहुत से बाढ़ पीड़ितों को सरकारी राहत नहीं मिली है जिससे उनमें सरकार के प्रति गुस्सा है.
आसिफ ने बताया कि प्रधानमंत्री गिलानी ने उनके पिता को फोन किया है और पांच लाख रुपये का मुआवजा देने का वादा किया है. प्रधानमंत्री गिलानी के दफ्तर से जारी बयान में इस घटना पर अफसोस का इजहार किया गया है. आसिफ के मुताबिक, "मई में अकरम ने प्रधानमंत्री को नौकरी की अर्जी भेजी, जिसके जवाब में कहा गया कि उसके पास नौकरी के लिए जरूरी योग्यता नहीं है."
रिपोर्टः रॉयटर्स/ए कुमार
संपादनः एन रंजन