पसंद करेंगे ऑफिस में सोना
कुछ चुनिंदा कंपनियों को छोड़ दें तो अभी भी ज्यादातर कंपनियां ऑफिस में अपने कर्मचारियों को सोना तो दूर झपकी भी नहीं लेने देना चाहेंगे. देखिए उत्पादकता बढ़ाने के लिए कुछ कंपनियां कर्मचारियों के सोने के इंतजाम करने लगी हैं.
कुछ रिसर्चरों की मानें तो दिन में ली गई छोटी सी नींद से ना केवल आप तरोताजा महसूस करते हैं, बल्कि इससे आपकी काम करने और सीखने की क्षमता भी बढ़ती है, बशर्ते नींद 30 मिनट से कम की हो.
स्लीप साइंटिस्ट नैपिंग के इस आधुनिक विज्ञान पर आजकल खूब काम कर रहे हैं. इतना तो 80 के दशक में ही पता चल गया था कि थोड़ी थोड़ी देर की नींद लेने से इंसान ज्यादा सक्रिय रहता है, उसकी याददाश्त मजबूत होती है, निर्णय लेने की क्षमता बढ़ती है, साथ ही तनाव और दिल की बीमारियां भी दूर ही रहती हैं.
आजकल कुछ कंपनियां अपने कर्मचारियों के लिए स्लीप पॉड बना कर दे रही हैं. पाया गया था कि अगर बिना सोए कोई काम करता जाए तो शाम 4 बजे के आसपास उसे चाय या कॉफी जैसे पेयों की जरूरत पड़ जाती है. खून में कैफीन और शुगर के शॉट लेकर आप खुद को जगा तो लेते हैं लेकिन सेहत खराब हो जाती है.
हफिंगटन पोस्ट ने स्टाफ के लिए अपने न्यूयॉर्क दफ्तर में बेड और स्लीपिंग पॉड लगवाए हैं. वहीं प्रॉक्टर एंड गैम्बल और गूगल जैसी कंपनियों में बनी पावरनैप वाली जगहों को एनर्जी पॉड कहा जाता है.
नाइकी के कर्मचारी अपने ऑफिस में बने शांति कक्ष में जा सकते हैं. यहां पावरनैप लेने के अलावा वे ध्यान भी कर सकते हैं. जाहिर है अगर कंपनियों को वाकई कर्मचारियों को सोने देने से फायदा ना हो रहा होता, तो वे ऐसा कभी नहीं करतीं.