पश्चिम बंगाल और बिहार में तूफ़ान से तबाही
१५ अप्रैल २०१०पश्चिम बंगाल के उत्तरी दिनाजपुर ज़िला और बिहार के पूर्णिया, अररिया और किशनगंज़ ज़िले सबसे ज़्यादा तूफ़ान से प्रभावित हुए हैं. पश्चिम बंगाल में तूफ़ान से 31 लोग मारे गए हैं जबकि 50 से ज़्यादा घायल हुए हैं. बिहार में स्थिति और ख़राब है और वहां तूफ़ान से 65 मौतें हुई हैं. ढह गए मकानों का मलबा राहतकर्मी साफ़ कर रहे हैं और आशंका है कि मृतकों का आंकड़ा और बढ़ सकता है.
बिहार के तीन ज़िलों में 125 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार से आंधी चली और तूफ़ान ने महज़ 45 मिनटों में तबाही मचा दी. अररिया और पूर्णिया सबसे ज़्यादा प्रभावित हुए हैं जहां 36 और 29 लोगों की मौत हुई है. किशनगंज़ और सुपौल में सात और दो लोग तूफ़ान की बलि चढ़े. अररिया के एसपी एसएस ठाकुर ने बताया है कि 650 क़ैदियों को पूर्णिया जेल में ले जाना पड़ा है क्योंकि तूफ़ान से अररिया जेल की एक दीवार ढह गई.
आंधी से बांग्लादेश और असम के कुछ हिस्से भी प्रभावित हुए हैं. पश्चिम बंगाल में उत्तर दिनाजपुर इलाक़े में तूफ़ान से सबसे ज़्यादा नुक़सान हुआ है. सैकड़ों घर ताश के पत्तों की तरह ढह गए और लोग अपनी आंखों के सामने यह सब होते देख बेबस महसूस कर रहे थे. उत्तर दिनाजपुर के ज़िला मैजिस्ट्रेट रामानुज चक्रवर्ती के मुताबिक़ करानडिघी ब्लाक में 17, गोलपोखर ब्लाक में 6, रायगंज में 7, चकुलिया और हेमटाबाद ब्लाक में 3 मौतें हुई हैं.
अररिया के एक निवासी का कहना है कि यह एक चक्रवाती तूफ़ान की तरह था और लोग सायक्लोन आइला, सायक्लोन आइला चिल्ला रहे थे. पश्चिम बंगाल पिछले साल चक्रवाती तूफ़ान आइला से प्रभावित हुई था. राज्य के मुख्य सचिव अशोक मोहन चक्रवर्ती ने कहा है कि केंद्र सरकार की ओर से मदद की पेशकश हुई है.
रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़
संपादन: एम गोपालकृष्णन