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पर्यावरण सुरक्षा करने पर सब्सिडी

१५ अगस्त २०१३

यूरोपीय संघ में अरबों की कृषि सब्सिडी पर्यावरण सुरक्षा के साथ जोड़ी जा रही है. 2020 तक चलने वाली इस नीति के अनुसार हर साल कृषि उद्यमों और देहाती इलाकों में संरचना के विकास पर 5 करोड़ यूरो खर्च होंगे.

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तस्वीर: picture-alliance/dpa

साझा कृषि नीति पर बुधवार को यूरोपीय संघ के सदस्य देशों के प्रतिनिधियों, यूरोपीय संसद और यूरोपीय आयोग के बीच सहमति हो गई. यूरोपीय संसद के कृषि आयोग के अनुमोदन के साथ ही सुधारों का रास्ता साफ हो जाएगा. जर्मन कृषि मंत्री इल्जे आइग्नर के अनुसार देहाती इलाकों को बढ़ावा देने वाली सब्सिडी का 30 प्रतिशत हिस्सा पर्यावरण सुरक्षा के कदमों के साथ जोड़ा जाएगा. "हम इस पर सहमत हैं कि कृषि पर्यावरण सम्मत और टिकाऊ होनी चाहिए." खेती योग्य पांच फीसदी जमीन खाली रहेगी ताकि वह फिर से प्राकृतिक बन सके.
कृषि सब्सिडी का बड़ा हिस्सा किसानों को सीधे भुगतान किया जाता है. 2014 से 2020 की अवधि में यूरोप के किसानों को 373.5 अरब यूरो की मदद का तीन चौथाई हिस्सा मिलेगा. बाकी एक चौथाई ढांचागत विकास पर खर्च होगा. पर्यावरण सुरक्षा पर ज्यादा ध्यान देने के अलावा युवा किसानों की मदद की जाएगी और हवाई अड्डों, गोल्फ कोर्सों और इस तरह के संस्थानों को कोई मदद नहीं दी जाएगी.

Bildergalerie Gegensätzliche Landwirtschaft in der EU
तस्वीर: Getty Images

मंगलवार रात साझा यूरोपीय कृषि नीति पर एकमत होने के साथ ही ईयू के कृषि मंत्री यूरोपीय संसद के साथ समझौता करने को भी तैयार हो गए. आयरलैंड के कृषि मंत्री सायमन कॉवेनी ने इस मौके पर कहा, "मुझे उम्मीद है कि हम सभी अनुत्तरित सवालों का जवाब ढूंढ सकेंगे. सुधार को आज हम अंतिम रूप नहीं दे पाए."

Ministerin Aigner PK zum Pferdefleisch Skandal
इल्जे आइग्नरतस्वीर: picture-alliance/dpa

कई मुद्दे ऐसे थे जिन पर सदस्य देशों और संसद के बीच काफी मतभेद थे. कुछ मुद्दे ऐसे भी हैं जिन पर यूरोपीय संघ के अलग अलग देश में सहमति नहीं है. जैसे कि यूरोपीय चीनी उत्पादन की उच्चतम सीमा कब कम की जानी चाहिए. इसके कारण चीनी की कीमत ऊंची बनी हुई है. चीनी उद्योग के लिए फिलहाल ये कोटा अच्छा हो सकता है लेकिन मिठाई बनाने वाले उद्योगों के लिए यह चिंता का विषय है. यूरोपीय संसद कृषि बाजार को नियंत्रित करना चाहती है. वह 2020 तक यही कोटा रखना चाहती है. लेकिन सदस्य देश इसे खत्म करना चाहते हैं.

जर्मनी की कृषि मंत्री इल्जे आइग्नर ने कृषि उद्योग में हस्तक्षेप के मुद्दे पर ब्रिटेन के कृषि मंत्री से असहमति जताई. उन्होंने याद दिलाया कि कुछ समय पहले यूरोपीय संघ के पैसों के कारण बाजार में दूध और बटर का जरीरत से ज्यादा उत्पादन हो गया था. आइग्नर का कहना है कि किसान ईयू कोष के इस्तेमाल के बारे में सुरक्षा चाहते हैं. वे जानना चाहते हैं कि इन पैसों का कैसे इस्तेमाल होगा. हल अब समय की मांग है. उन्होंने कहा कि कुछ संदेहों के बावजूद जर्मनी ने इसीलिए समझौते का समर्थन किया है.

एएम/एमजे (डीपीए)

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