पर्दे के पीछे
जर्मनी के बॉन शहर से डीडब्ल्यू हिन्दी टीम आप के लिए लाती है विज्ञान और तकनीक से जुड़ी रोचक रिपोर्टें. जानें कैसी है पर्दे के पीछे की दुनिया..
डीडब्ल्यू हिन्दी टीम
बाएं से: ऋतिका पाण्डेय, ओंकार सिंह जनौटी, महेश झा, ईशा भाटिया.
जर्मनी के बॉन से
डीडब्ल्यू का मुख्यालय बॉन में है और मंथन यहीं तैयार होता है. यहां कुल 30 भाषाओं में काम होता है और 60 से ज्यादा देशों के लोग इनके लिए दिन रात जुटे रहते हैं.
अलग अलग काम
टीवी पर आप जो देखते हैं उस से पहले होती है कार्यक्रम की लंबी तैयारी. तैयारी से जुड़े हैं अलग अलग विभागों के लोग जिनकी तकनीक से लेकर साज सज्जा तक में अहम भूमिका है.
तैयारी के कई दौर
दुनिया भर से डीडब्ल्यू संवाददाताओं की भेजी खबरों में से खास खबरें चुनने के साथ शुरू होता है काम. चुने जाने, लिखने, शूट करने और रिकॉर्ड होने तक रिपोर्ट गुजरती है कई चरणों से.
खबरों पर माथापच्ची
रिपोर्ट कैसी हो, इस पर पूरी टीम चर्चा करती है. तस्वीर में प्रिया एसेलबॉर्न, मानसी गोपालकृष्णन और ईशा भाटिया.
रिकॉर्डिंग शुरू
बिटे रूहे यानी शांत रहें. स्टूडियो के बाहर लाल बत्ती जलने का मतलब अंदर रिकॉर्डिंग चालू है. दरवाजा खोलना या शोर करना मना है, नहीं माने तो तकनीकी सहयोगी बुरा मान जाएगा.
माइक पर
खबरों में जानकारी से ले कर उनकी आसान भाषा और उन्हें दिलचस्प बनाने तक पर रहती है नजर. जांच परख के बाद होती है रिकॉर्डिंग. रिपोर्ट पढ़ते निखिल रंजन.
थम्स अप
थम्स अप यानी सब ठीक रहा, रिपोर्ट प्रोग्राम के लिए तैयार है. तस्वीर में यही संकेत दे रही हैं आभा मोंढे.
स्टूडियो में
और आखिरकार आती है आपके सामने खबरों को परोसने की बारी. ग्रीन बॉक्स में ईशा भाटिया.
फेसबुक पर
मंथन में आपको क्या पसंद आया, क्या नहीं और आगे आप क्या चाहते हैं इसका पता हमें फेसबुक पर जाहिर किए आपकी राय से पता चलता है. वैसे चिट्ठी लिखने का जरिया भी कायम है.
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शनिवार सुबह 11 बजे
साइंस और लाइफस्टाइल पर हमारी यह खास पेशकश जरूर देखें हर शनिवार सुबह 11 बजे डीडी नेशनल पर.