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परमाणु बम से कितना अलग है हाइड्रोजन बम

२२ सितम्बर २०१७

दुनिया के परमाणु हथियारों में प्रमुख रूप से दो तरह के हथियार शामिल हैं पहला एटम बम और दूसरे जो ज्यादा शक्तिशाली हैं यानी हाइड्रोजन बम. इन दोनों बमों में आखिर क्या अंतर है.

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US-Atombombentest Pazifischer Ozean 1956
तस्वीर: Imago/Zuma Press

उत्तर कोरिया और अमेरिका के बीच परमाणु परीक्षणों के लेकर जुबानी जंग छिड़ी है. एक तरफ उत्तर कोरिया अपने परीक्षणों को रोकने के लिए तैयार नहीं, तो दूसरी तरफ ट्रंप प्रशासन उत्तर कोरिया पर प्रतिबंधों का शिकंजा कसने के साथ ही उसे गंभीर नतीजे भुगतने की चेतावनी भी दे रहा है. इसी बीच, उत्तर कोरिया ने यह भी कह दिया है कि वह प्रशांत क्षेत्र में हाइड्रोजन बम का भी इस्तेमाल कर सकता है. उत्तर कोरिया इनके लिए जमीन के अंदर परीक्षण पहले ही करने के दावे कर चुका है.

दूसरे विश्वयुद्ध के आखिरी दिनों में अमेरिका ने दो बार परमाणु बमों का जापान पर इस्तेमाल किया हालांकि इन बमों का कई सौ बार पहले परीक्षण किया जा चुका है. परमाणु बम नाभिकीय विखंडन पर आधारित होते हैं. इसमें हथियार में लगे संवर्धित यूरेनियम या प्लूटोनियम परमाणु के टूटने से भारी मात्रा में ऊर्जा पैदा होती है.

इस बम का सबसे पहला विस्फोट अमेरिका के न्यू मेक्सिको राज्य के रेगिस्तान में परीक्षण के दौरान 16 जुलाई 1945 में हुआ था. माना जाता है कि एक गुप्त परियोजना के तहत इसे विकसित किया गया था क्योंकि तब यह माना जा रहा था कि नाजी जर्मनी भी इसे विकसित कर रहा है.

6 अगस्त को अमेरिका ने दक्षिणी जापान के हिरोशिमा शहर पर पहली बार परमाणु बम गिराया. अनुमान है कि इसमें करीब 140,000 लोग मारे गये. तीन दिन बाद दूसरे बम ने नागासाकी को तबाह कर दिया जिसमें करीब 74000 लोग मारे गये. इसके बाद जापान ने समर्पण कर दिया और दूसरा विश्व युद्ध खत्म हो गया. 

इन बमों ने करीब 20 किलोटन का विस्फोट किया था जो 20 हजार टन टीएनटी में विस्फोट के बराबर है. इस बम के धमाके से कंक्रीट की इमारतें गिर गयीं. इस दौरान इतनी ज्यादा गर्मी पैदा हुई कि धमाके के पास वाली जगह पर मौजूद लोग पानी की तरह भाप में तब्दील हो गये. दूर दराज के लोगों में भी विकिरण संबंधी बीमारियां बाद के कई सालों तक पैदा होती रहीं.

सोवियत यूनियन दूसरा देश था जिसने परमाणु बम का परीक्षण किया. यह साल 1949 था. इसके बाद ब्रिटेन तीसरा परमाणु ताकत वाला देश बना और उसने 1952 में ये परीक्षण किये.

Japan Hiroshima - Zerstörung nach Atombombe
परमाणु बम के धमाके के बाद हिरोशिमातस्वीर: Getty Images/Three Lions

चीन, फ्रांस, भारत, उत्तर कोरिया और पाकिस्तान ने अपने पास परमाणु हथियार रखने की पुष्टि की है. इस्राएल को एक अघोषित परमाणु शक्ति वाला देश माना जाता है. उसने परमाणु हथियारों की ना तो पुष्टि की है, ना ही इसे खारिज किया है.

परमाणु बमों से कई गुना ज्यादा ताकतवर हैं हाइड्रोजन या थर्मोन्यूक्लयर बम. यह हाइड्रोजन आइसोटोप्स के आपस में मिलने के सिद्धांत पर काम करते हैं. इसमें दो परमाणु नाभिकों के मिलने से भारी मात्रा में ऊर्जा पैदा होती है और सूर्य की असीमित ऊर्जा का स्रोत भी उसके गर्भ में होने वाली यही प्रक्रिया है.

China Wasserstoffbombe
चीन का पहला परमाणु परीक्षणतस्वीर: picture-alliance/CPA Media Co.

अभी तक किसी भी युद्ध में हाइड्रोजन का इस्तेमाल नहीं हुआ है. दुनिया के परमाणु हथियारों के जखीरे में बहुत सारे हाइड्रोजन बम भी शामिल हैं. इस बम में एक दो चरणों की प्रक्रिया होती है जिसमें परमाणु विस्फोट भारी मात्रा में ऊष्मा पैदा करता है और फिर इसके नतीजे में नाभिकों का आपस में जुड़ना शुरू होता है जिसमें और ज्यादा बड़ा धमाका होता है.

अमेरिका की सेना ने 1952 में पहले हाइड्रोजन बम का परीक्षण किया था जो परमाणु बम की तुलना में 700 गुना ज्यादा ताकतवर था. एक साल बाद सोवियत यूनियन ने भी हाइड्रोजन बम का परीक्षण किया. 1961 में रूस ने आर्कटिक में अब तक का सबसे बड़ा धमाका किया था जिसे "त्सार बॉम्बा" कहा जाता है. इसमें 57,000 किलोटन के बल का प्रयोग किया गया.

B-52 Bomber
हाईड्रोजन बम को गिराने में सक्षम अमेरिकी बी 52 बमवर्षक विमानतस्वीर: AP

उत्तर कोरिया का कहना है कि उसने एक जनवरी 2016 में एक छोटे हाइड्रोजन बम का परीक्षण किया है. हालांकि वैज्ञानिकों का कहना है कि इस दौरान जो छह किलोटन का बल उत्पन्न हुआ वह किसी थर्मोन्यूक्लियर यंत्र के लिए अत्यंत कम है. उत्तर कोरिया का कहना है कि 3 सितंबर को उसने छठा परमाणु परीक्षण किया था. वह भी हाइड्रोजन बम था. जमीन के भीतर हुए धमाके ने परीक्षण वाले इलाके में भूस्खलन करा दिया था.

एनआर/एके (एएफपी)