पनडुब्बी खोजेगी एमएच 370
लापता मलेशियाई विमान को खोजने के लिए खास पनडुब्बी लगाई गई है ताकि समुद्र तल पर विमान के मलबे को ढूंढा जा सके.
झूठी उम्मीद और गलत सुराग
पांच हफ्ते से भी ज्यादा से लापता मलेशियाई विमान की तलाश में कोई ठोस सबूत नहीं मिला है. बार बार ऐसा लगा कि यह संकेत है लेकिन वे सुराग, उम्मीद झूठी निकली. अब सारी आशा पनडुब्बी पर टिकी है.
हाई टेक
सोमवार को तय किया गया कि ब्लूफिन 21 नाम की पनडुब्बी पानी में जाएगी और समुद्र तल पर 40 वर्ग किलोमीटर की जांच करेगी कि कहीं विमान का मलबा तो नहीं है. 4,500 मीटर नीचे तक पहुंच सकने वाले वाली यह पनडुब्बी आठ किलोमीटर प्रति घंटा चलती है.
गोता और तलाश
पांच मीटर लंबी और साढ़े सात सौ किलोग्राम की पीली पनडुब्बी अमेरिकी कंपनी ब्लूफिन का रोबोट है. 40 वर्गकिलोमीटर का इलाका ढूंढने में करीब 50 दिन लग सकते हैं क्योंकि पनडुब्बी की बैटरी हर 20 घंटे में चार्ज करनी पड़ती है और पूरा डाटा डाउनलोड करना पड़ता है.
मेटल डिटेक्टर
ब्लूफिन 21 के साइड में ध्वनि तरंगों को नापने वाला सोनार उपकरण लगाया गया है. यह पत्थर, रेत और धातु से आने वाली तरंगों में अंतर कर सकता है. एक कैमरा है जो पानी के नीचे तस्वीरें ले सकता है. इससे समुद्र सतह की 3डी तस्वीर तैयार होती है. यहा तस्वीर उत्तरी अटलांटिक की है.
अमेरिकी जर्मन पेंडेंटः अबिस
दुनिया में कुल तीन अबिस उपकरण है. इनमें से एक जर्मनी के कील शहर में जियोमार हेल्महोट्स सेंटर का है. दो अन्य बोस्टन के हैं. ये ब्लूफिन 21 से भी नीचे जा सकते हैं, करीब 6,000 मीटर नीचे. इसी से 2009 में एयर फ्रांस का मलबा समंदर के नीचे से मिला, दो साल तक 2,000 वर्ग किलोमीटर इलाके की तलाश करने के बाद.
आखिरी कोशिश बिना जियोमार
अभी तक जर्मनी के जियोमार संस्थान से खोज का अनुरोध नहीं किया गया है. हालांकि अबिस को भी एमएच 370 की तलाश में भेजा जाएगा लेकिन आखिरी कोशिश के तौर पर.