"पत्नी को थोड़ा बहुत पीटना जायज"
२७ मई २०१६पाकिस्तान में संसद जैसी अहमियत रखने वाली काउंसिल ऑफ इस्लामिक आइडियोलॉजी (सीआईआई) ने महिलाओं की सुरक्षा के लिए एक बिल पेश किया है. पाकिस्तानी अखबार एक्सप्रेस ट्रिब्यून के मुताबिक 163 पन्नों के प्रस्तावित बिल में महिलाओं पर कई तरह की पाबंदियों की वकालत की गई है. बिल कहता है कि औरत अगर पति का कहना न माने, उसकी इच्छा के मुताबिक कपड़े न पहने या फिर शारीरिक संपर्क से इनकर करे तो मर्द उसे थोड़ा बहुत पीट सकता है.
सीआईआई पाकिस्तान में धर्म से जुड़े मुद्दों पर नियम बनाने वाली सर्वोच्च संस्था है. काउंसिल संसद को इस्लाम के मुताबिक कानून बनाने के लिए प्रस्ताव देती है. तकनीकी तौर पर संसद अगर चाहे तो काउंसिल के सुझाव को दरकिनार कर सकती है.
अपना बिल लाने से पहले काउंसिल ने पंजाब प्रांत के महिला हिंसा एक्ट को खारिज किया. 2015 में बने उस कानून को काउंसिल ने गैर इस्लामी करार दिया. पंजाब का महिला हिंसा एक्ट, महिलाओं को घरेलू, मानसिक और यौन हिंसा से कानूनी रूप से बचाता है. एक्ट के तहत एक टोल फ्री हॉटलाइन भी शुरू की जानी थी, जहां महिलाएं अपनी शिकायत दर्ज करा सकें और उन्हें आश्रय भी मिले. मर्दों से भरी इस्लामी काउंसिल को ये अधिकार नागवार गुजरे.
काउंसिल ने पंजाब विधानसभा को अपना प्रस्तावित बिल भेज दिया है. काउंसिल को महिलाओं का किसी अजनबी से बात करना, पति से बिना पूछे किसी की आर्थिक मदद करना, जोर से बोलना या फिर हिजाब न पहनना भी अखर रहा है. प्राइमरी स्कूल में लड़के और लड़कियों का एक साथ पढ़ना भी काउंसिल को इस्लाम के खिलाफ लग रहा है.