पत्थर का जवाब पत्थर से
२३ अगस्त २०१०अब धार्मिक नेताओं ने भी अपील की है कि दुकानों को खुलने दिया जाए और आम स्थिति बहाल की जाए. हाल ही में कश्मीर के बडगाम जिले में प्रदर्शनकारियों और स्थानीय कारोबारियों के बीच झड़पों की खबरें आईं. जैसे ही अलगाववादी तत्व हड़ताल की अपील को लागू करने इलाके में पहुंचे, उन पर पथराव कर दिया गया. दरअसल जब प्रदर्शनकारियों ने दुकानें बंद करने का कहा, तो दुकानदारों का गुस्सा पत्थरों के जरिए उन पर बरसा.
बाद में दुकानदार थाने गए और नजदीक के नबीर गुंड गांव के इन 10 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई. उन्होंने इन लोगों पर शांति भंग करने और स्थानीय लोगों को डराने धमकाने का आरोप लगाया.
उधर दक्षिणी कश्मीर के अनंतनाग में दुकानों को खोले जाने की अपील जारी की गई क्योंकि अकसर होने वाली हड़तालों की वजह से रमजान के पवित्र महीने में लोगों को बहुत सी परेशानियां हो रही हैं. कश्मीर में अलगाववादियों की तरफ से आए दिन की जाने वाली हड़ताल की अपीलों से अर्थव्यवस्था पर बेहद बुरा असर पडा है.
कश्मीर में अशांति की वजह से पर्यटन पर सबसे ज्यादा मार पड़ी है, जिसकी वजह से स्थानीय कारोबारी घाटा झेलने को मजबूर हैं. उधर मध्य कश्मीर के ओमपुरा में स्थानीय लोगों और असामाजिक तत्वों के बीच उस वक्त तीखी बहस हुई जब उनसे दुकानें बंद करने को कहा गया. दक्षिणी कश्मीर के मीहामा पुलवामा में स्थानीय लोगों ने तीन दिन पहले चार लोगों को उस वक्त पीट डाला, जब वे हड़ताल की अपील पर अमल कराने इलाके में पहुंचे.
सीनियर पुलिस अधिकारियों का कहना है कि परेशान होकर लोग उठ खड़े हो रहे हैं और पुलिस स्थिति को बिगड़ने से बचाने के लिए ही हस्तक्षेप करती है. ऐसे मामले सिर्फ गांवों तक सीमित नहीं हैं. नातीपुरा के शहरी इलाके में असामाजिक तत्वों ने एक बैकरी पर धावा बोल दिया. बैकरी के मालिक का इतना कसूर था कि उसने इलाके में पारंपरिक ताजा कश्मीरी रोटी की सप्लाई की.
रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार
संपादनः ए जमाल