पचौरी इस्तीफ़ा नहीं देंगे
११ अप्रैल २०१०एक टेलिविज़न चैनल पर बात करते हुए पचौरी ने कहा कि अगर संयुक्त राष्ट्र की जांच समिति को भी रिपोर्ट बनाने की प्रक्रिया में गलतियां मिलती हैं तो वे पीछे नहीं हटेंगे. उन्होंने कहा, "लेकिन हम समिति के हर सकारात्मक सुझाव को अपनाएंगे. वैसे इन सुझावों को कार्यान्वित करना भी मेरी ज़िम्मेदारी है. मैं इससे पीछे कैसे हट सकता हूं?"
पचौरी ने गलतियों के लिए नैतिक ज़िम्मेदारी ली है. रिपोर्ट में कहा गया था कि 2035 तक हिमालय के ग्लेशियर पिघल जाएंगे. पचौरी ने यह भी माना है कि उन्हें आईपीसीसी का प्रमुख चुनकर विश्व के देशों ने उन को यह ज़िम्मेदारी सौंपी है. "हां मैं नैतिक ज़िम्मेदारी लेता हूं. लेकिन मैं इस बात की ज़िम्मेदारी को भी मानता हूं कि विश्व की सरकारों ने मुझे एक ज़िम्मेदारी दी है, मुझे आईपीसीसी का प्रमुख चुन कर."
पचौरी ने कहा कि वे आईपीसीसी के पांचवीं रिपोर्ट को ख़त्म करेंगे और चौथी रिपोर्ट की गलतियों को नई रिपोर्ट में नहीं दोहराएंगे. उन्होंने यह भी कहा कि रिपोर्ट में एक गलती निकलने से उसमें बाकी निष्कर्षों को अनदेखा नहीं किया जा सकता.
जब उनसे पूछा गया कि क्या वे संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून के द्वारा रिपोर्ट की जांच को लेकर शर्म महसूस करते हैं, तो उन्होंने कहा कि ऐसा बिलकुल नहीं है. उन्होंने कहा कि जांच की अपील आईपीसीसी ने की थी. पैनल ने 16 फ़रवरी को सभी सरकारों को एक संदेश भेजा और कहा कि वे अपनी प्रक्रियाओं की जांच करना चाहते हैं.
रिपोर्टः पीटीआई/ एम गोपालकृष्णन
संपादनः महेश झा