पंद्रह दिन के लिए सो गया मंगलयान
८ जून २०१५इसकी वजह यह है कि आठ से 22 जून तक मंगल और पृथ्वी के बीच सू्र्य आ रहा है और सूर्य के बीच में आ जाने से मंगलयान का पृथ्वी से संपर्क टूट जाएगा. इस दौरान वह स्वचालित मोड पर रहेगा और खुद निर्देशित होगा. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के मुताबिक ऐसा पहली बार हो रहा है जब मंगलयान इतनी लंबी अवधि के लिए धरती से कटा रहेगा लेकिन सुषुप्तावस्था के बाद फिर उससे संपर्क स्थापित हो सकेगा.
करीब 450 करोड़ रुपए की लागत वाले मंगलयान का छह महीने का जीवन मार्च में ही समाप्त हो गया था लेकिन ईंधन बचे होने के कारण इसकी अवधि को आगे बढ़ा दिया गया है. मंगलयान को पांच नवंबर 2013 को पीएसएलवी के जरिए आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से प्रक्षेपित किया गया था और करीब नौ महीने की यात्रा के बाद उसे 24 सिंतबर को मंगल की कक्षा में स्थापित किया गया था. इस तरह भारत पहले ही प्रयास में मंगल की कक्षा में उपग्रह भेजने वाला दुनिया का पहला देश बना.
आईबी/एमजे (वार्ता)