नेल्सन मंडेला का निधन
रंगभेद के खिलाफ आवाज उठाने वाले मशहूर नेता नेल्सन मंडेला का निधन हो गया. अंतरराष्ट्रीय राजनीति के सबसे मशहूर चेहरों में गिने जाने वाले मंडेला दक्षिण अफ्रीका के प्रथम अश्वेत राष्ट्रपति बने.
95 बरस में निधन
अपने 95वें जन्मदिन पर दक्षिण अफ्रीकी लोगों के हीरो नेल्सन मंडेला अस्पताल में थे. लंबी बीमारी के बाद आखिरकार उनका निधन हो गया.
प्यार का नाम
दक्षिण अफ्रीकी प्यार से नेल्सन मंडेला को उनके पारिवारिक नाम मदीबा से बुलाते हैं. दक्षिण अफ्रीकी इतिहास को नई शक्ल देने वाले मंडेला का जन्म 18 जुलाई 1918 में हुआ. 1994 में वह दक्षिण अफ्रीका के पहले अश्वेत राष्ट्रपति बने.
अश्वेत वकील
स्कूल की पढ़ाई पूरी करने के बाद मंडेला ने कानून की पढ़ाई करना तय किया. अपनी पढ़ाई के दौरान भी वह रंगभेद के खिलाफ आवाज उठाते रहे. 1952 में उन्होंने ओलिवर टैंबो के साथ मिलकर जोहानिसबर्ग में वकालत शुरू की. अश्वेतों का यह पहला ऑफिस था.
रंगभेद
गोरों और कालों के बीच रंग के आधार पर होने वाले भेदभाव के रवैये ने मंडेला के बचपन को काफी प्रभावित किया.
बॉक्सर भी
जवानी में मंडेला बॉक्सिंग के भी खूब शौकीन थे. उन्होंने कहा था, "बॉक्सिंग रिंग के अंदर रुतबा, उम्र, त्वचा का रंग और दौलत कुछ भी मायने नहीं रखती". जेल जाने के बाद भी वह हर रोज कसरत करते थे.
उम्र कैद के आदेश
1964 में जब मंडेला और उनके साथियों पर मुकदमा चल रहा था तो उनके समर्थन में कोर्ट के बाहर लोगों की भीड़ लगी थी. इस सुनवाई के बाद उन्हें उम्र कैद की सजा सुनाई गई.
सालों साल जेल में
मंडेला ने जेल के पांच वर्ग मीटर के कमरे में कई साल बिताए. उनका कैदी नंबर 46664 था. जेल से निकलने के बाद मंडेला ने कहा कि वहां मैं सिर्फ एक नंबर था और कुछ नहीं.
लड़ाई जारी रही
मंडेला जिस दौरान जेल में थे, रंगभेद के खिलाफ लड़ाई रुकी नहीं. उस समय उनकी पत्नी विनी मंडेला श्वेत सरकार की नीतियों के खिलाफ इस लड़ाई में लोगों का नेतृत्व कर रही थीं.
दुनिया ने जाना
1988 में मंडेला के 70वें जन्मदिन पर लंदन के वेंबली स्टेडियम में एक चैरिटी संगीत कार्यक्रम का आयोजन किया गया. दस घंटे तक चले इस कार्यक्रम में करीब 70,000 लोग शामिल हुए जिसका लगभग 60 देशों के टीवी पर प्रसारण हुआ.
...और मिली आजादी
27 साल के लंबे संघर्ष के बाद 11 फरवरी 1990 को मंडेला जेल से छूटे. इस तस्वीर में उनके साथ उनकी पत्नी विनी मंडेला लोगों का अभिवादन स्वीकार कर रही हैं.
राजनीति में वापसी
मई 1990 में नेल्सन मंडेला ने अफ्रीकी राष्ट्रीय कांग्रेस एएनसी की पतवार फिर थामी और तत्कालीन राष्ट्रपति फ्रेडरिक विलेम डी क्लार्क से बातचीत की शुरुआत की. इस बातचीन ने रंग भेद के खिलाफ रास्ता खोला. 1993 में मंडेला और क्लार्क को नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया.
मंडेला के साथी
ओलिवर टैंबो (बाएं) और वाल्टर सिसुलु (दाएं) मंडेला के सबसे नजदीकी साथी थे. उन्होंने साथ मिल कर 1944 में एएनसी यूथ लीग बनाई और रंगभेदी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किए. सिसुलु को आजीवन कारावास की सजा मिली. टैंबो 30 साल निर्वासन में रहे. 1990 के बाद ये सब एएनसी के वरिष्ठ पदों पर रहे.
पहले अश्वेत राष्ट्रपति
10 मई 1994 को देश में हुए पहले लोकतांत्रिक चुनाव के बाद मंडेला प्रथम अश्वेत राष्ट्रपति चुने गए. 1999 तक उन्होंने यह पद संभाला.
बदली नहीं दोस्ती
1996 में मंडेला ने दक्षिण अफ्रीका में रंगभेद के दौरान लोगों के साथ हुए अत्याचारों से देश को बाहर लाने के लिए ट्रुथ एंड रिकंसिलिएशन कमीशन (टीआरसी) की स्थापना की. आर्चबिशप को इसका प्रमुख बनाया. कमीशन का कुछ लोगों ने विरोध भी किया क्योंकि कुछ पीड़ितों को लगा कि उन पर अत्याचार करने वाले आजाद घूम रहे हैं.
विश्व कप का आयोजन
2010 का फुटबॉल विश्व कप दक्षिण अफ्रीका में कराए जाने का एलान 15 मई 2004 को किया गया. मंडेला ने हाथ में ट्रॉफी उठा कर इसका स्वागत किया. पूरे देश ने उनके साथ इस फैसले का स्वागत किया और खुशी मनाई कि दक्षिण अफ्रीका को अंतरराष्ट्रीय आयोजन का मौका मिला.
क्या बेकार गई कोशिशें?
2008 में दक्षिण अफ्रीका में कई गरीब इलाकों में हिंसा भड़कने लगी. कई अप्रवासी मारे गए. सवाल उठने लगे, 'क्या दक्षिण अफ्रीका अभी भी सौहार्द्र से भरा वही देश है जिसकी नींव नेल्सन मंडेला ने रखी या उनकी कोशिशों पर पानी फिर गया?