नेताओं के हाव भाव
ऐसा हो ही नहीं सकता कि हम संवाद किए बिना रहें. यह नेताओं के लिए भी उतना ही सच है. सिर्फ चुनावी सभाओं में ही नहीं सामान्य तौर पर भी उनके हाव भाव अक्सर उनका राज खोलते हैं.
पूरे शरीर से
मनोचिकित्सक और संवाद विशेषज्ञ पॉल वात्स्लाविक ने लिखा था कि हम बिना संवाद किए रह ही नहीं सकते. यह रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और जर्मनी की चांसलर अंगेला मैर्केल के लिए भी लागू होता है. उनके चेहरे, हाव भाव क्या कहते हैं?
बातों के जादूगर
अंगेला मैर्केल की तरह एसपीडी से चांसलर पद के उम्मीदवार पेयर श्टाइनब्रुक भी गंभीर हैं. जब वह खरी खरी बात कह चुकते हैं तो श्टाइनब्रुक का मुंह अक्सर बंद होता है. क्या ये दूसरों की संभावित प्रतिक्रिया से खुद का बचाव है?
राजनीतिक पद
कोहनियां शरीर से लगी हुईं, अंगुलियां सटी हुईं या फिर हाथों को आगे की ओर ले जाना, जैसे कुछ धकेलना चाहते हों. अंगेला मैर्केल ज्यादा जगह नहीं लेतीं. अपने में सिमटी रहती हैं और दूरी बनाए रखती हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा से बिलकुल विपरीत.
मिस्टर चार्मिंग
इन दोनों के ठीक विपरीत अमेरिकी राष्ट्रपति हैं. वो हमेशा आंख मिलाने की, बॉडी कॉन्टेक्ट की कोशिश करते हैं. बोलने से परहेज नहीं करते. अक्सर वह लोगों को बाहों में भर लेते हैं. उनके हाव भाव बहुत तरह के हैं. इनके कारण ही वह दुनिया के अधिकतर देशों में लोकप्रिय हैं.
कूल लेकिन संभ्रांत
पहले अफ्रो-अमेरिकी राष्ट्रपति अपने लापरवाह रवैये और बौद्धिक और संभ्रांत वर्ग से जोड़नेवाले हाव भाव के बीच संतुलन बनाने की कोशिश करते हैं. उनकी रीढ़ की हड्डी हमेशा सीधी होती है, भले ही वह दाएं या बाएं झुक रहे हों.
पड़ोसी नेता
लैटिन अमेरिका में नेता खुद को भावुक और अनौपचारिक दिखाने की कोशिश करते हैं. ब्राजील की राष्ट्रपति डिल्मा रूसेफ (दाएं) तुम कहलवाना पसंद करती हैं. दक्षिण अमेरिका के दूसरे नेताओं की तरह वो नागरिकों को नहीं बल्कि दोस्तों को संबोधित करती हैं.
शाब्दिक हमला
2006 में संयुक्त राष्ट्र महासभा के दौरान हूगो चावेज का भाषण भूला नहीं जा सकता. उस समय उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश के लिए कहा था, "कल यहां शैतान था." नेताओं के लिए कड़े शब्दों का इस्तेमाल लातिन अमेरिकी नेता करते ही हैं और मजाक भी उतना ही करते हैं.
क्रांति
बाहों की साफ हरकतें, जैसे मुट्ठी टेबल पर मारना या फिर सिर ऊंचा करना, ये एकदम क्रांतिकारी हाव भाव हैं, जैसे कि क्यूबा के नेता फिडेल कास्त्रो के थे. हाव भाव विशेषज्ञ श्टेफान वेरा का मानना है कि जिस समाज में ज्यादा मुश्किलें हैं, वहां ऐसे हाव भाव असरकारक होते हैं.
राजनीति के जैकी चैन
नहीं, ये कोई नए हीरो नहीं हैं. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन खुद को पतंग उड़ाते हुए या शिकार करते हुए दिखाना पसंद करते हैं. दिखने में छोटे कद के पुतिन को अपना कद दिखाने के लिए दूसरे माध्यमों का सहारा लेना पड़ता है. अपने हाव भाव से वो खुद को ताकतवर से लेकर दुष्ट दिखाते हैं.
बुरी स्थिति
कम असली बाल और बहुत ज्यादा हाव भाव और उससे भी ज्यादा मुकदमे. विदेशों में अक्सर लोग सोचते होंगे कि किसी देश में ऐसा प्रधानमंत्री कैसे हो सकता है. लेकिन सिल्वियो बैर्लुस्कोनी के अति अनौपचारिक और खुद का मजाक उड़ाने के अंदाज ने इटली में हाव भाव का एक मानक बना दिया.
फिर आई गंभीरता
बैर्लुस्कोनी के बाद मारियो मोंटी और एनरिको लेटा (बाएं) आए जिनके हाव भाव खुद में सिमटे हुए और गंभीर थे. फ्रांस में भी कुछ ऐसा ही दृश्य था. जब निकोला सारकोजी के बाद फ्रांसोआ ओलांद राष्ट्रपति बने. सेल्फ प्रमोटिंग नेताओं के बाद लोग किसी ऐसे को पसंद करते हैं जो गंभीर हो.
रक्षक की भूमिका
मुश्किल परिस्थितियों में सभी नेता खुद को दिखाना पसंद करते हैं. जैसे जर्मनी में बाढ़ के दौरान. सत्ताधारी ऐसे समय में फौरी फैसलों के जरिए लोगों का दिल जीत सकते हैं.