नेआन्डरथाल मनुष्य भी हमारा पूर्वज था
२८ मई २०१०जब से जीवधारियों के जीनोम को पढ़ना और जीनों को क्रमबद्ध करना संभव हुआ है, तब से न केवल बीमारियों के ही भेद खुल रहे हैं, बल्कि इतिहास और विज्ञान के बारे में बहुत से अज्ञान पर से भी पर्दा उठ रहा है.
ऐसी ही एक अकाट्य रूढ़ि थी कि इस धरती पर आधुनिक मनुष्य की होमो सैपियन्स और नेआन्डरथाल प्रजातियों का सदियों तक सहअस्तित्व ज़रूर रहा है, पर दोनों के बीच कोई सहमेल या समागम नहीं हुआ. लेकिन, अब वैज्ञानिकों की एक अंतरराष्ट्रीय टीम इस नतीजे पर पहुंची है कि यह मान्यता सही नहीं है. जर्मनी में लाइपज़िग स्थित विकासवादी नृवंश विज्ञान के माक्स प्लांक संस्थान के डॉ. योहानेस क्राउज़े आनुवंशिकी के विशेषज्ञ हैं और इस टीम के एक प्रमुख सदस्य भी. वह कहते हैं, "नेआन्डरथाल मनुष्य के जीनोम के अध्ययन से सबसे महत्वपू्र्ण यह तथ्य सामने आया कि उसके और आज के मनुष्य के जीनों में आनुवंशिक मेल हुआ है."
चमत्कारिक तथ्य
क्राउज़े और इस टीम के मुखिया प्रो. स्वांते पैऐबो ने नेआन्डरथाल मनुष्य के जीनोम की 35 लाख कड़ियों का बारीक़ी से अध्ययन किया. नेआन्डरथाल मनुष्य की रूस, स्पेन, क्रोएशिया और जर्मनी में मिली 40 हज़ार साल पुरानी हड्डियों की कोषिकाओं से उन्होंने यह आनुवंशिक सामग्री जुटाई और उसे क्रमबद्ध किया. स्वयं यह तथ्य ही कुछ कम चमत्कारिक नहीं है कि चालीस हज़ार साल बाद भी किसी हड्डी के टुकड़े से उस समय के जीन प्राप्त किए जा सकते हैं. इन जीनों और आज के मनुष्य के जीनों के बीच तुलना से पता चला. यूरोप और एशिया वालों के दो से चार प्रतिशत तक जीन नेआन्डरथाल मनुष्य की देन हैं. यह एक ऐसी मात्रा है, जिसे मापा जा सकता है और जिसकी गणना की जा सकती है.
यूरोपवासी नेआन्डरथालर के सबसे निकट
इस तुलना के लिए वैज्ञानिकों ने नेआन्डरथाल मनुष्य के लगभग 60 प्रतिशत, यानी एक अरब से अधिक डीएनए टुकड़ों का अफ्रीका, पापुआ न्यूगिनी, चीन और फ्रांस में रहने वाले आज के मनुष्य के डीएनए के साथ मिलान किया. इससे यह भी पता चला कि अफ्रीकी लोग आनुवंशिक रूप से नेआन्डरथाल मनुष्य के उतना निकट नहीं हैं, जितना एशिया और यूरोप वाले हैं.
होमो सैपियन्स कहलाने वाले आज के मनुष्य और 30 हज़ार साल पहले लुप्त हो गए नेआन्डरथाल मनुष्य की दो अलग अलग प्रजातियां हैं. आम तौर पर दो अलग प्रजातियों के मेल से कोई संतान नहीं पैदा होती. पर, आज के मनुष्य के जीनोम में चार प्रतिशत तक नेआन्डरथाल मनुष्य के जीन मिलने का मतलब है कि बहुत कम ही सही, दोनों के मेल से कुछ संतानें पैदा हुईं और उनकी वंशपरंपरा आगे भी बढ़ी.
मिलन कहां हुआ
यानी नेआन्डरथाल मनुष्य भी हमारा पूर्वज है. जर्मनी और अमेरिका की मिलीजुली शोधकर्ता टीम का अनुमान है कि दोनों के बीच पहली बार मेल पचास हज़ार से एक लाख साल पहले मध्यपूर्व में कहीं हुआ. मध्यपूर्व में ही क्यों? योहानेस क्राउज़े का अनुमान है, "अफ्रीका से पलायन करने वाले सभी आधुनिक मनुष्यों को सिनाई प्रायद्वीप वाले रास्ते से गुज़रना पड़ा, इसलिए शायद वहीं कहीं दोनों का मिलन भी हुआ होगा."
आनुवंशिकी के माध्यम से आधुनिक मनुष्य और नेआन्डरथाल मनुष्य के बीच जीनों के आदानप्रदान को दिखाने वाली इस खोज में चार साल लगे हैं. हड़्डियों के जिस केवल 400 मिली ग्राम पाउडर की इसमें निर्णायक भूमिका रही है, वह तीन ऐसी नेआन्डरथाल महिलाओं की हड्डियों से मिला, जो क्रोएशिया की एक गुफा में खुदाई में मिली थीं.
रिपोर्टः राम यादव
संपादनः महेश झा