नीदरलैंड चुनावों में सत्ताधारी पार्टी की हार
१० जून २०१०चुनावों में सार्वजनिक प्रसारण सेवा एनओएस द्वारा कराए गए एक्जिट पोल के अनुसार बाल्केनएंडे की सीडीए पार्टी ने आधी से अधिक सीटें खो दी हैं और 150 सदस्यों वाली नई संसद में उसके सिर्फ़ 21 सांसद होंगे.
इस बीच 88 फ़ीसदी मतों की गणना के बाद दक्षिणपंथी लिबरल पार्टी वीवीडी सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी है. उसे 31 सीटें मिली हैं जबकि सोशल डेमोक्रैटिक पार्टी पीवीडीए को 30 सीटें मिली हैं. वीवीडी के प्रमुख मार्क रुट्टे प्रथम विश्वयुद्ध के बाद अपनी पार्टी के पहले प्रधानमंत्री होंगे.
गेअर्ट विल्डर्स की फ़्रीडम पार्टी पीवीवी की सीटें 9 से बढ़कर 24 हो गई हैं. आंकड़े आने के बाद विल्डर्स ने उत्साहित समर्थकों से कहा, 15 लाख नीदरलैंडर ने हमें चुना है और इसके साथ अधिक सुरक्षा, कम अपराध और कम इस्लाम का पक्ष लिया है. उन्होंने सरकार में हिस्सेदारी का दावा किया है. उग्र दक्षिणपंथी पीवीवी ने चुनाव प्रचार के दौरान मुसलमानों का आप्रवासन रोकने और नए आप्रवासियों के लिए सामाजिक कल्याण भत्ता कम करने की मांग की थी.
सोशल डेमोक्रैटिक नेता जॉब कोहेन ने विल्डर्स को बधाई दी है. अपनी पार्टी की चुनाव सभा में उन्होंने कहा, "पीवीवी की भारी जीत का हमें आदर करना होगा." वीवीडी के प्रमुख मार्क रुट्टे ने भी विल्डर्स को बधाई दी है. इसके विपरीत मुस्लिम संगठनों के प्रतिनिधियों ने विल्डर्स की पार्टी की जीत पर चिंता जताई है.
नीदरलैंड का संसदीय चुनाव वित्तीय संकट के बाद किसी यूरोपीय देश में हुआ पहला चुनाव है और इसलिए इसे लोगों के मूड का बैरोमीटर माना जा रहा था. चुनाव प्रचार के दौरान कर्ज़ की समस्या और बजट घाटे से निबटने पर बहस छाया रहा. वीवीडी ने भारी बचत कार्यक्रम की वकालत की तो विल्डर्स ने ग़ैर यूरोपीय विदेशियों के समेकन के 7 अरब यूरो के बजट को घटाने की मांग की.
सोशल डेमोक्रैटिक पार्टी का चुनाव प्रचार दक्षिणपंथी वीवीडी के ख़िलाफ़ लक्षित था. जबकि पार्टी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार कोहेन ने सामाजिक समता वाले बचत कार्यक्रमों की वकालत की और कहा कि धनी लोगों पर ग़रीबों के मुकाबले अधिक बोझ डाला जाएगा.
औपचारिक चुनाव परिणामों के गुरुवार को दिन के दौरान घोषित हो जाने की संभावना है. उसके बाद नई सरकार बनाने के लिए गठबंधन वार्ताएं शुरू होंगी. वामपंथी ग्रीन पार्टी की सीटें 7 से बढ़कर 11 हो गई हैं जबकि वाम लिबरल डेमोक्रैट 66 ने 10 सीटें जीती हैं. इसके विपरीत नई संसद में सोशलिस्ट पार्टी की अब 25 के बदले सिर्फ़ 16 सीटें होंगी.
रिपोर्ट: एजेंसियां/महेश झा
संपादन: एस गौड़