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नीतीश के साथ लड़ाई को लालू विराम देंगे

२७ सितम्बर २०१०

आरजेडी नेता लालू प्रसाद ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ कविताओं के जरिए निशाना साधने को विराम देने का फैसला किया. लालू ने सभी राजनीतिक दलों से कहा है कि एक दूसरे के खिलाफ निजी हमले नहीं किए जाने चाहिए.

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बेटे तेजस्वी के साथ लालूतस्वीर: UNI

पटना में पत्रकारों से बातचीत में लालू ने कहा, "बस अब बहुत हुआ. मैंने नीतीश कुमार के साथ कविताओं की लड़ाई को रोकने का मन बना लिया है. विधानसभा चुनावों से पहले नेताओं को एक दूसरे पर निजी हमले नहीं करने चाहिए और विकास को एजेंडा बनाना चाहिए."

Nitish Kumar
तस्वीर: UNI

चुनाव घोषणापत्र में विकास को मुख्य मुद्दा बनाने का आह्वान करते हुए लालू ने कहा, "आओ हम इस बात पर सहमति बनाए कि बिहार आर्थिक रूप से पिछड़ा राज्य इसलिए रहा है क्योंकि यहां विकास नहीं हो पाया. लोगों को इससे नुकसान हुआ है और उन्हें रोजगार की तलाश में दूसरे राज्यों का रुख करना पड़ा है."

लालू प्रसाद ने एनडीए सरकार के उन दावों को खारिज कर दिया है जिसमें उसने कहा है कि बिहार की आर्थिक हालत पहले से बेहतर है. लालू के मुताबिक राज्य गंभीर वित्तीय हालात से गुजर रहा है और सरकार के पास शिक्षकों को देने के लिए वेतन तक नहीं है. राष्ट्रीय जनता दल नेता ने आरोप लगाया कि राज्य की जनता का ध्यान गंभीर मुद्दों से हटाने के लिए ही नीतीश कुमार कविताओं और व्यंग्य का सहारा ले रहे हैं.

अपने बेटे तेजस्वी को राजनीतिक उत्तराधिकारी के रूप में पेश करने से लालू प्रसाद के विरोधी उनकी आलोचना कर रह हैं. लेकिन लालू का कहना है कि तेजस्वी अभी युवा हैं और राजनीति दूर की बात है. "राजनीति करने के लिए तेजस्वी की उम्र अभी बहुत कम है. अगर वह चुनाव लड़ना भी चाहे तो उसकी उम्र अभी पांच साल कम है. मेरा बेटा अभी शादी और राजनीति के लिए बहुत छोटा है."

एक समारोह में तेजस्वी की मौजूदगी से राजनीतिक हलकों में चर्चा जोर पकड़ गई कि तेजस्वी भी राजनीति में प्रवेश कर सकता है. नीतीश कुमार ने लालू प्रसाद पर आरोप लगाया कि वह राजनीति में वंशवाद को बढ़ावा दे रहे हैं. राज्य के उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने भी लालू पर यह कहते हुए हमला किया कि वह राजनीति में अपनी जीत की उम्मीदों को मजबूत करने के लिए बेटे को मजबूर कर रहे हैं.

रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़

संपादन: एन रंजन

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