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निर्भया कांड की डॉक्यूमेंट्री पर प्रतिबंध

४ मार्च २०१५

भारत ने निर्भया कांड पर बनी डॉक्यूमेंट्री फिल्म के प्रसारण पर प्रतिबंध लगाया. प्रतिबंध के साथ ये सवाल उठ रहा है कि क्या भारत कभी कड़वे सच को स्वीकार करेगा या फिर हमेशा उससे नजरें ही चुराना चाहता है.

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तस्वीर: Reuters

गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने भारतीय संसद के ऊपरी सदन राज्य सभा को बताया कि प्रशासन ने अदालत में जाकर इस फिल्म के प्रसारण पर प्रतिबंध लगवाया है. दिल्ली पुलिस ने अदालत को दलील दी कि फिल्म का प्रसारण माहौल खराब कर सकता है. निचली अदालत ने इस दलील के आधार पर फिल्म के टीवी और इंटरनेट प्रसारण पर रोक लगा दी. बुधवार को दिल्ली हाई कोर्ट ने भी इस फैसले को बरकरार रखा.

गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि सरकार जेल में जाकर दोषी का इंटरव्यू करने की इजाजत देने के मामले की जांच करेगी. गृह मंत्रालय ने यह भी साफ किया कि भविष्य में बलात्कार के किसी दोषी का जेल में इंटरव्यू करने की इजाजत नहीं दी जाएगी.

गृह मंत्री के इस बयान पर कई सांसदों ने तीखी प्रतिक्रियाएं दीं. मशहूर गीतकार जावेद अख्तर ने सदन से कहा, "गुस्सा इस बात पर है कि उस आदमी ने इतनी गलत बातें क्यों कही. गुस्सा इस बात पर है कि दुनिया को ये क्यों बताया जा रहा है कि ये रेपिस्ट ऐसी गंदी बातें कर रहा है. इस तरह की बातें तो मैं इस हाउस में सुन चुका हूं सर, कि एक औरत अगर इस तरह के कपड़े पहनेगी, एक औरत अगर रात को इस तरह सड़क पर घूमेगी तो वो मुसीबत को न्योता दे रही है. अच्छा हुआ कि ये डॉक्यूमेंट्री बनी है, इसलिए कि हिंदुस्तान के करोड़ों आदमियों को मालूम हुआ कि वो बलात्कारी की तरह सोचते हैं. अगर ये गंदा लग रहा है तो उन्हें अपनी सोच बदलनी चाहिए."

Leslee Udwin Regisseurin India's Daughter
फिल्म निर्माता लेसली उडविनतस्वीर: Chandan Khanna/AFP/Getty Images

इसके बाद जया बच्चन ने गृह मंत्री को संबोधित करते हुए कहा, "आप देश को ये बताईये कि आप महिलाओं की सुरक्षा की बात तो कर रहे हैं, लेकिन महिलाओं की गरिमा को ठेस पहुंचाने वालों के खिलाफ आप इस वक्त क्या कार्रवाई कर रहे हैं?"

इंडियाज डॉटर

"इंडियाज डॉटर" नामकी यह डॉक्यूमेंट्री फिल्म बीबीसी और चैनल फोर ने बनाई है. फिल्म को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 8 मार्च के दिन भारत समेत दुनिया भर में प्रसारित किया जाना था. इस फिल्म को बनाने वाली ब्रिटिश फिल्म निर्माता लेसली उडविन ने प्रतिबंध की आलोचना की है. उडविन के मुताबिक फिल्म सिर्फ बलात्कारियों के बयान नहीं दिखा रही है बल्कि भारतीय समाज में मौजूद लैंगिक भेदभाव की व्यापक तस्वीर दिखा रही है. अवॉर्ड विजेता फिल्म निर्माता उडविन ने दिल्ली की तिहाड़ जेल में जाकर एक दोषी का इंटरव्यू किया. उन्होंने दोषियों के वकीलों से भी बातचीत की. फिल्म में निर्भया के माता पिता की पीड़ा भी दिखाई गई है.

मंगलवार को फिल्म के कुछ हिस्से भारत के एक निजी न्यूज चैनल एनडीटीवी पर प्रसारित किये गए. इनमें दिखाया गया है कि बलात्कारी और उनके वकील महिलाओं के प्रति कितने निम्न स्तर की सोच रखते हैं. एनडीटीवी भारत में इस पूरी डॉक्यूमेंट्री का प्रसारण करने वाला था. पूर्व आईपीएस अधिकारी और दिल्ली में मुख्यमंत्री पद की दावेदार रहीं किरण बेदी ने भी फिल्म के प्रसारण को जरूरी बताया है.

ओएसजे/आरआर (पीटीआई, एएफपी)