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नारंगी लैपटॉप या जादू का पिटारा

१६ अगस्त २०१०

चाहे पाकिस्तान की बाढ़ हो, चीन का भूस्खलन, मेक्सिको की खाड़ी में तेल का रिसाव हो. इस तरह की इमरजेंसी के लिए जर्मनी की अंतरिक्ष संस्थान ने एक औजार बनाया है, नारंगी रंग का लैपटॉप.

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तस्वीर: Christian Quiring

इमरजेंसी में भले ही उस देश के सभी संचार माध्यम ठप हो जाएं लेकिन ये लैपटॉप चलता रहता है. इस लैपटॉप में खास सॉफ्टवेयर है और सैटेलाइट वायरलेस से जोड़ा गया है. लैपटॉप पर प्राकृतिक आपदा से जूझ रहे इलाके की ताजा फोटो दिखाई देती है. इसे डिज़ास्टर मैनेजमेंट टूल कहा जा रहा है.

"सबसे अच्छा ये होगा कि यूरोप के संकट सुरक्षा विभाग से एक आपात सहायक संकटग्रस्त इलाकों में जाए और वहां पता लगाएं कि क्या काम कर रहा है और क्या नहीं. कौन से इलाकों में संकट है. तो कुल मिला कर यह यंत्र संकटग्रस्त इलाके एक पूरा चित्र तैयार करता है और इसका विश्लेषण करता है. इसके अलावा सैटेलाइट से जुड़े होने के कारण वह पल पल बदलती स्थिति पर भी नजर रख सकता है." - रॉबर्ट क्लार्नर

इससे पता लग सकता है कि कौन से इलाके सबसे ज्यादा प्रभावित हैं. मूलभूत संरचनाएं कितनी काम कर रही है. शहरों और घरों की हालत क्या है. इसी लैपटॉप के जरिए पता लगाया जा सकता है कि किस हिस्से में सबसे ज्यादा लोगों को मदद की जरूरत है. आपदाग्रस्त इलाकों, सैटेलाइट और विमानों से मिली सूचना से एक पूरा चित्र तैयार किया जा सकता है.

Uganda Erdrutsch
तस्वीर: picture-alliance/Photoshot

"जो इस लैपटॉप पर काम कर रहे हैं और संकट से जूझ रहे इलाकों पर नजर रख रहे हैं उन्हें ये भी जानकारी मिल जाती है कि राहत दल कहां और क्या काम कर रहे हैं. उन्हें पता होता है कि कहां कौन सी टीम है. तो आपात की स्थिति में वे तुरंत एक दूसरे को मदद भी कर सकते हैं." - रॉबर्ट क्लार्नर

इससे भी अच्छी बात है कि ये लैपटॉप दूसरे सूत्रों से मिली जानकारी को भी समाहित कर सकता है और प्रभावित इलाकों में राहत के लिए सबसे अच्छा हल निकाल सकता है.

एरोनॉटिकल इंजीनियर हूबर्ट सेहर का कहना है, "अलग अलग काम करने के लिए कई सेंसर लगाए जा सकते हैं. खोज और राहत कामों को करने के लिए अलग अलग सेंसर लगाए जा सकते हैं. जैसे कि हमारे पास ऐसे कई हवाई जहाज़ हैं जिनमें एक राडार लगा हुआ है, इन्फ्रारेड सेंसर या फिर दूसरे उच्च तकनीक वाले उपकरण भी लगे हुए हैं. ये धरती पर भी कुछ ढूंढ सकते हैं और पानी में भी. पहाड़ों में इन्फ्रारेड उपकणों के ज़रिए लोगों या हादसे का शिकार हुए हवाई जहाज़ों को ढूंढ सकते हैं."

Indonesien Helfer suchen nach Überlebenden des Dammbruchs
तस्वीर: AP

सिर्फ हवाई चित्रों या जमीनी जानकारी की बजाए अगर ज्यादा सूत्रों से जानकारी ली जाए तो एक पूरी जानकारी सामने आ सकती है. और राहत कार्य ज्यादा अच्छे से, प्रभावी तरीके से हो सकते हैं. सेहर कहते हैं, "इस लैपटॉप में कई जानकारियों को मिला कर काम किया जा सकता है. आपके पास आपकी अपनी इकट्ठा की हुई जानकारी है, कई तरह के डिजिटल मैप हैं. सड़कों के नक्शे, एनर्जी नेटवर्क पर पूरी नजर रखी जा सकती है. अलग अलग रंग में बाढ़ में डूबे इलाकों की ताज़ा तस्वीर भी सामने हो सकती है. कई सूचनाओं को मिला कर एकदम सटीक नक्शा सामने आ जाता है."

तकनीक के जरिए समय से काफी पहले पता लगाया जा सकता है कि बाढ़ का पानी किसी इलाके या बांध के पास कब तक पहुंचेगा उसका स्तर क्या होगा और कितनी तेज़ी से वो किस इलाके में फैलेगा. इसके जरिए लोगों को बचाने के लिए ज्यादा समय मिलेगा. ऐसा समय जब जलवायु परिवर्तन के कारण दुनिया भर में या तो बाढ़ आ रही है, सूखा पड़ रहा है या जंगल के जंगल आग से खाक हो रहे हैं. ऐसे में इस तरह की तकनीक बहुत काम आ सकती है.

रिपोर्टः डॉयचे वेले/आभा मोंढ़े

संपादनः ए जमाल

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