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नस्लवाद की सजा

१५ मार्च २०१४

खेल के मैदान से नस्लवाद की समस्या हर देश में है, लेकिन उसे मिटाने के लिए खेल संगठन सक्रिय हो रहे हैं. ब्राजील में फुटबॉल विश्वकप से पहले दर्शकों को अनुशासन सिखाने के लिए सख्ती दिखाई जा रही है.

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तस्वीर: picture alliance/augenklick

खेल के मैदान से नस्लवाद की समस्या हर देश में है, लेकिन उसे मिटाने के लिए खेल संगठन सक्रिय हो रहे हैं. ब्राजील में फुटबॉल विश्वकप से पहले दर्शकों को अनुशासन सिखाने के लिए सख्ती दिखाई जा रही है.

ब्राजील के एक खेल प्राधिकरण ने देश के दक्षिणी हिस्से के अस्पोर्टिवो क्लब पर अगले पांच मैच अपने स्टेडियम में खेलने पर रोक लगा दी गई है. एक मैच के दौरान क्लब के फैंस ने रेफरी पर नस्लवादी फब्तियां कसी थीं. 5 मार्च को रियो ग्रांदे दो सूल प्रांत के चैंपियनशिप के एक मैच में रेफरी को बंदर कहा गया था और जंगल में लौट जाने को कहा गया. फैंस ने रेफरी की गाड़ी तोड़ दी और कार पर केले रख दिए. क्लब को अब पांच मैच बाहर खेलने होंगे. ट्रिब्यूनल ने अस्पोर्टिवो क्लब पर 13,000 डॉलर का जुर्माना भी किया.

एस्पोर्टिवो को इस साल के क्षेत्रीय टूर्नामेंट से बाहर किए जाने का भी खतरा था. लेकिन ट्रिब्यूनल ने बेंटो गोंजाल्वेस शहर के क्लब को सिर्फ यह सजा दी कि उसकी टीम अगले पांच घरेलू मैच अपने स्टेडियम से बाहर खेलेगी. ट्रिब्यूनल के इस फैसले के खिलाफ क्लब को अपील करने का हक है.

UEFA Rassismus während der EM
तस्वीर: picture-alliance/dpa

जिस समय ट्रिब्यूनल इस मामले पर फैसला सुना रहा था, रेफरी मार्सियो चागास दा सिल्वा राजधानी ब्राजीलिया में राष्ट्रपति डिल्मा रूसेफ से मिल रहे थे, जिन्होंने उन्हें और उन्हीं की तरह नस्लवादी फब्तियों के शिकार होने वाले दो अन्य खिलाड़ियों को मिलने के लिए बुलाया था. इन खिलाड़ियों में एक क्रूजेरो के मिडफील्डर टिंगा हैं, जिन्होंने पेरू में कोपा लिबरटाडोरेस मैच के दौरान जब भी बॉल को टच किया, मंकी के नारे सुने. दूसरे खिलाड़ी सांतोस के मिडफील्डर अरूसा हैं जिन पर पिछले हफ्ते साओ पाउलो प्रांतीय चैंपियनशिप के एक मैच के बाद रिपोर्टरों के साथ बातचीत के दौरान मंकी की फब्तियां कसी गईं. अरूसा राष्ट्रपति से मिलने नहीं जा पाए.

अरूसा पर फब्तियां कसने वाले मोगी मिरिम क्लब के प्रशंसक थे. उम्मीद की जा रही है कि इस क्लब को भी ट्रिब्यूनल की सजा का सामना करना होगा. ब्राजील में हाल के नस्लवादी मामले सुर्खियों में रहे हैं. तीन महीने बाद ब्राजील फुटबॉल विश्वकप का आयोजन कर रहा है, जब पूरी दुनिया की चोटी की टीमें और फैंस ब्राजील में होंगे. रूसेफ ने खुलेआम नस्लवादी घटनाओं की निंदा की है और कहा है, "खेल पूर्वाग्रहों का मंच नहीं बन सकता".

पिछले हफ्ते हुए मैचों में बहुत से खिलाड़ी और फैंस स्टेडियम में नस्लवाद विरोधी बैनर लेकर गए. आने वाले मैचों में भी इस तरह के अभियानों की तैयारी है. अपने अगले मैच में सांतोस के खिलाड़ी जो जर्सी पहनेंगे, उस पर लिखा होगा, "ब्लैक विथ प्राइड". अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल संघ फीफा ने यूरोप में नस्लवाद विरोधी अभियानों को स्पांसर किया है और विश्व कप के दौरान इस सिलसिले में जागरूकता बढ़ाने का वायदा किया है.

एमजे/एजेए (एपी)