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नकली निकले फुटबॉल खिलाड़ी

२१ सितम्बर २०१०

आए थे मेहमान बनकर फुटबॉल खेलने, और बहरीन की टीम ने आवभगत करने के अलावा टोगो के मेहमानों के खिलाफ मैच में शून्य के मुकाबले तीन गोल भी दाग दिए, फिर पता चला कि यह तो टोगो की टीम थी ही नहीं.

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अफ्रीका कप में टोगो की टीमतस्वीर: picture-alliance/ dpa/dpaweb

दोस्ताना मैच के लिए टोगो की राष्ट्रीय फुटबॉल टीम बहरीन भेजी जाने वाली थी. लेकिन टीम तो गई हुई थी बोत्सवाना के खिलाफ 2012 के अफ्रीका कप का क्वालिफाइंग मैच खेलने. तो राष्ट्रीय टीम के पूर्व कोच बाना चानिले के दिमाग में एक उत्तम विचार आया. नौसिखियों को जुटाकर एक टीम तैयार कर ली गई, और भेज दिया गया बहरीन. बारातियों का स्वागत हुआ, मैच में तीन गोल दागे गए, फिर पता चला कि ये तो धोखा देकर दावत खा गए.

अब टोगो के फुटबॉल संघ की ओर से इसकी जांच की गई है, और जांच से पता चला है कि इस पूरे मामले के पीछे पूर्व कोच चानिले थे. उन्होंने संबद्ध अधिकारियों से पूछे बिना पूरे मामले को आगे बढ़ाया था.

संबद्ध अधिकारियों का मामला भी टोगो में कुछ जटिल है. विश्व संगठन फीफा ने टोगो के राष्ट्रीय फेडरेशन को विसर्जित कर दिया है और उसकी जगह पर एक समिति का गठन किया गया है. इस समिति के एक वक्तव्य में अब कहा गया है कि तीन साल के लिए बाना चानिले के फुटबॉल से संबंधित सभी गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाया जाता है.

वैसे चानिले पर अभी चंद हफ्ते पहले दो साल का प्रतिबंध लगाया गया था, क्योंकि वे जिस युवा टीम की कोचिंग करते हैं, उसे लेकर वे मिस्र गए थे और वहां बिना अनुमति के उन्होंने राष्ट्रीय टीम के रंगों का इस्तेमाल किया था. मेजबानों को भी लगा था कि मामला कुछ अजीब सा है. ऑस्ट्रिया के योजेफ हिकर्सबैर्गर बहरीन के कोच हैं. मैच के तुरंत बाद उन्होंने कहा था कि टोगो के खिलाड़ियों को देखकर लग ही नहीं रहा था कि वे 90 मिनट का मैच खेलने के काबिल हैं.

Österreich Josef Hickersberger Nationaltrainer Fussball EM
हिकर्सबैर्गर : दाल में कुछ काला है.तस्वीर: picture-alliance/dpa

बहरीन के फुटबॉल संघ के उपाध्यक्ष अली बिन खलीफा अल खलीफा के अनुसार टोगो के फुटबॉल संघ ने एक पत्र के जरिये इस मैच की पुष्टि की थी. लेकिन मैच के बाद उन्होंने कहा कि कोई टीम भेजी ही नहीं गई थी.

सवाल उठता है कि क्या एक शख्स इतना बड़ा झांसा दे सकता है? टोगो के अस्थाई फेडरेशन की ओर से अन्य अधिकारियों के खिलाफ भी जांच की जा रही है. हो सकता है कि संगठन की समस्याओं और झगड़ों की भी इसमें एक भूमिका हो और अंदरुनी विवाद अब खुलकर सामने आ गया हो. टोगो के फुटबॉल जगत की किस्मत ही कुछ खराब लग रही है. जनवरी में अंगोला में अफ्रीकन नेशंस कप के खेलों के लिए यात्रा के दौरान टीम की बस पर छापामारों ने हमला किया था, जिसमें ड्राइवर, असिंस्टेंट मैनेजर व एक मीडिया अफसर की मौत हो गई थी व कई खिलाड़ी घायल हो गए थे. और अब यह मामला, जहां मैच नहीं, खिलाड़ी ही फिक्सिंग के थे.

रिपोर्ट: एजेंसियां/उभ

संपादन: एस गौड़