नए साल में 10 संकल्प
नए साल में बहुत से लोग कुछ नया करने का संकल्प लेते हैं. आइए देखते हैं कुछ ऐसे संकल्प जिन्हें करना उतना मुश्किल नहीं है. शायद आप भी करना चाहें.
पेड़ लगाएं
भारत के कई इलाकों में परिवारों द्वारा पेड़ लगाने की परंपरा रही है. आप भी एक पेड़ जरूर लगाएं. यहां पश्चिम अफ्रीका के अबीजान में कार्यकर्ता वृक्षारोपण कर रहे हैं. बस्तियां बढ़ने और जंगलों के कटने से हरियाली लगातार कम होती जा रही है.
दूसरों की भलाई
दूसरों के साथ अच्छा बर्ताव करने की कोशिश करें. जिनको मदद की जरूरत है उनकी मदद करने की कोशिश करें. यहां ईरान में दूसरों की मदद का नायाब तरीका निकाला है. एक घर की दीवार पर कपड़े लटकाने की जगह. कोई रख जाता है, कोई ले जाता है.
तकनीक बिना
एक दिन तकनीक के बिना बिताइए. न तो टेलिविजन देखिए, न कंप्यूटर का इस्तेमाल कीजिए, न स्मार्टफोन का और न ही टैबलेट का. इसे छोड़ने से पता चलेगा कि हम इन तकनीकों के किस तरह गुलाम हो गए हैं. इनकी आदत ना बनने देना अच्छी बात है.
संगीत पर खर्च
संगीत सुनने पर कुछ खर्च कीजिए. जब से इंटरनेट आया है और डाउनलोड का प्रचलन हुआ है, न रिकॉर्ड रहे, न सीडी अब तो डाउनलोड को ही प्रीमियम प्रोडक्ट समझा जाने लगा है. अगर संगीत खरिदा न जाएं तो कलाकारों की आजीविका का क्या होगा?
पुराना फैशन
कपड़े फेंकिए मत. एक बार वह शर्ट या पैंट पहनिए जिसे आप फिट होने के बावजूद फेंकना चाहते थे. पर्यावरण को बचाना है तो बर्बादी से बचना होगा. अगर लोग फैशन के पीछे भागते रहे तो संसाधनों की बर्बादी को रोकना मुश्किल होगा.
अखबार खरीदिए
अगर अच्छी पत्रिका या अखबार उपलब्ध है और पसंद है तो खरीदिए. डिजीटल युग में पत्रकारिता भी संकट में है. खबर नेट पर मुफ्त मिले तो अखबार खरीदने का क्या फायदा, लोग सोचते हैं. अगर पत्रकार ना रहें तो खबर लाएगा कौन?
प्लास्टिक छोड़िए
कम से कम एक दिन ऐसी कोई चीज मत खरीदिए जिसमें प्लास्टिक हो. न तो उस चीज में जिसे आप खरीदना चाहते हैं और न ही उसकी पैकेजिंग में. प्लास्टिक सुविधाजनक तो है लेकिन सदियों तक नष्ट नहीं होता. पर्यावरण को नुकसान पहुंचाता है.
एक दिन शाकाहारी
अगर मांस खाते हैं तो एक दिन शाकाहारी बन कर देखिए. मीट के उत्पादन में फल और सब्जियों के उत्पादन से ज्यादा पानी खर्च होता है. अगर शाकाहारी हैं तो मांस खाने वालों को तंग किए बिना दिन गुजार कर देखिए.
खुद का ख्याल
कभी खुद का ख्याल रख कर देखा है. अक्सर हम दुनिया की चिंता करते करते खुद को ही भुला देते हैं. एक बार सोच कर देखिए कि आपके लिए अच्छा क्या है. और फिर एक बार अपने मन की मुराद पूरी कर देखिए.
कुछ बेहतर
यहां तक पहुंच चुके हैं तो अपने मन की मानकर अपना नया संकल्प लिखिए. ऐसे संकल्प जो आप करना चाहते हों, जो आपको अच्छा लगे और जो आपको खुशी दे.