दो लड़कियों को खुले आम मौत की सजा
२८ अक्टूबर २०१०यह घटना बुधवार दोपहर की है और किशोर लड़कियों के खिलाफ जासूसी का यह अपनी तरह का पहला मामला बताया जा रहा है. पिछले हफ्ते अल शबाब के क्षेत्रीय कमांडर शेख यूसुफ अली उगास ने कहा, "ये महिलाएं दुश्मन के लिए जासूसी कर रही थीं जिन्हें मुजाहिदों ने गिरफ्तार किया. लंबी जांच के बाद उन्होंने अपना जुर्म कबूल कर लिया."
इथोपिया की सीमा के नजदीक बेलेडवेयने में शबाब के मुख्यालय पर जब इन किशोरियों को गोली मारी गई, तो वहां बड़ी संख्या में स्थानीय लोग जमा थे. इसी महीने इस इलाके में चरमपंथियों और सरकार समर्थक सुरक्षा बलों के बीच भारी लड़ाई हुई.
एक स्थानीय नागरिक अली ने बताया, "मुझे नहीं पता था कि वे उन्हें गोली मारने की योजना बना रहे हैं. दोनों लड़कियां जमीन पर बैठी थीं और उनके हाथ पीछे बंधे हुए थे. फिर कुछ नकाबपोश लोग आए और पीछे से उन्हें गोली मार दी. दोनों लड़कियों की उम्र काफी कम थी. यह स्तब्ध कर देने वाली घटना है. वह इतनी लाचार दिख रही थीं लेकिन कोई उनकी मदद करने वाला नहीं था."
वैसे इन लड़कियों की उम्र को लेकर विरोधाभासी बातें सामने आ रही हैं. लेकिन उनकी उम्र 17 से 18 साल से ज्यादा नहीं बताई जा रही है. एक दूसरे चश्मदीद मारयम अहमद ने बताया, "इन लड़कियों के लिए हर किसी को अफसोस था. उन्हें सैकड़ों लोगों के सामने मार दिया गया." अमेरिका की तरफ से तैयार आतंकवादी संगठनों की सूची में शामिल अल शबाब ने इसी महीने राजधानी मोगादिशु के बाहर जासूसी के आरोप में कई और लोगों को इस तरह मौत की सजा दी.
रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार
संपादनः एन रंजन