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'देशभक्ति अपने आप आ जाती है'

१४ अक्टूबर २०१०

फिल्म निर्देशक आशुतोष गोवारिकर कहते हैं कि उन्हें फिल्मों में देशभक्ति या देश के लिए प्रेम जाहिर करने के लिए कभी कोशिश नहीं करनी पड़ी. वह बहुत ही सामान्य तरीके से आ जाती है.,

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फिल्म लगान से मशहूर हुए आशुतोषतस्वीर: AP

आशुतोष कहते हैं, "मैं बहुत ही सामान्य तरीके से देशभक्ति की भावना को फिल्मों में शामिल करता हूं और हर फिल्म में इसका स्वाद अलग है चाहे लगान हो, स्वदेस, जोधा अकबर या फिर अब की फिल्म खेलें हम जी जान से. मैं कहूंगा कि यह संयोग ही था कि मैंने अपनी फिल्मों के जरिए देशभक्ति की भावना जाहिर की."

आशुतोष गोवारिकर का कहते हैं कि उन्हें स्कूल के दौरान इतिहास में जरा रुचि नहीं थी. "इसका हर्जाना शायद मैं अब भर रहा हूं." अपनी आने वाली फिल्म के बारे में वह कहते हैं कि उन्हें 1930 में चटगांव के विद्रोह के बारे में कुछ नहीं जानता था. उनकी आने वाली फिल्म में अभिषेक बच्चन और दीपिका पादुकोण काम कर रहे हैं. आशुतोष कहते हैं कि उन्हें दिल्ली की पत्रकार मानिनी चटर्जी का डू एंड डाई इतना पसंद आया कि उन्होंने इस पर फिल्म बनाने की सोची. सुरजिय सेन के नेतृत्व में इस हुए इस विद्रोह के बारे में ननहीं जानता था. इस कहानी ने मुझे बहुत प्रभावित किया.

आशुतोष ने स्वीकार किया कि एक ही किताब के आधार पर ऐतिहासिक कहानी पर फिल्म बनाना मुश्किल है क्योंकि इतिहास विकसित होता रहता है. आशुतोष दलील देते हैं, "मानिनी कल्पना दत्ता की बहू हैं जो खुद क्रांतिकारी रही हैं. उन्होंने इस क्रांति में बचे सभी लोगों से बात की है. मानिनी ने मुझे भाषा, कपड़े, सही ऐतिहासिक तथ्यों को बनाए रखने में मदद की है."

रिपोर्टः पीटीआई/आभा एम

संपादनः ए कुमार

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