दुनिया की सांस थामे इबोला
पश्चिमी अफ्रीका में इबोला के कारण मरने वाले लोगों की संख्या 4,000 पहुंच गई है. यूरोप और अमेरिका में संक्रमण के मामले पहुंचने के बाद इसके वैश्विक होने की आशंका पैदा हो रही है.
लाइपजिग, जर्मनी
इबोला से संक्रमित संयुक्त राष्ट्र के कर्मचारी की लाइपजिग शहर में मंगलवार, 14 अक्टूबर को मौत हो गई. एक अन्य मरीज की फ्रैंकफर्ट में जांच चल रही है. जबकि सेनेगाल से आया एक व्यक्ति पांच हफ्ते के इलाज के बाद अब एकदम ठीक है.
डैलेस, अमेरिका
इबोला से संक्रमित एक नर्स के घर का रास्ता रोकती हुई टेक्सास की पुलिस. पश्चिम अफ्रीका से बाहर हुआ यह दूसरा संक्रमण है. इबोला के मरीज की देखभाल करने वाली स्पेन की एक नर्स भी इस जानलेवा वायरस का शिकार हुई.
मेलियानदोऊ, गिनी
2013 में गिनी के इस गांव में यह संक्रमण शुरू हुआ था. छह दिसंबर 2013 को यहां एक 12 साल का लड़का मारा गया, ताजा प्रकोप का वह शायद पहला शिकार था. इसके तुरंत बाद लड़के की बहन, मां और दादी की भी मौत हो गई. मार्च 2014 में गिनी के स्वास्थ्य मंत्रालय ने इबोला प्रकोप विश्व स्वास्थ्य संगठन में दर्ज करवाया.
मोनरोविया, लाइबेरिया
इस समय गिनी के पड़ोसी देशों में भी इबोला का संक्रमण फैल गया है. फिलहाल सिएरा लियोन और लाइबेरिया इससे जूझ रहे हैं. लाइबेरिया की राजधानी मोनरोविया में नर्सों की हड़ताल से मुश्किल पैदा हो गई है. सेनेगाल और नाइजीरिया में हालांकि संक्रमण थोड़ा कम हो गया है.
जेनेवा, स्विट्जरलैंड
इबोला रक्त, मल मूत्र या मरीज की उल्टी के जरिए फैलता है. इसलिए परिजन, डॉक्टरों या नर्सों को इससे सबसे ज्यादा खतरा होता है. जेनेवा में डबल्यूएचओ के विशेषज्ञों के मुताबिक सुरक्षा कवच और डिसइनफेक्शन बीमारी से बचा सकता है. आश्चर्य यह है कि अभी तक 400 डॉक्टर और नर्स इबोला से संक्रमित हो चुके हैं.
मनीला, फिलीपींस
4,000 मरीजों और 2,000 लाशों में इबोला वायरस पाया गया है. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने आशंका जताई है कि दुनिया भर के इबोला मामलों का यह आधा हिस्सा है. मनीला में 13 अक्टूबर को डबल्यूएचओ की प्रमुख मार्गरेट चान ने चेतावनी दी कि पूरी दुनिया को इससे खतरा हो सकता है.