दुनिया का ताज
ताजमहल, प्रेम और भारत की पहचान. वास्तुकला का एक नायाब नमूना. 17वीं शताब्दी में बना ताजमहल आज भी दुनिया की बेहतरीन इमारतों में एक है. लेकिन क्या इस इमारत में दर्शन भी छिपा है. आईये ताज को महसूस करें.
प्रेम का प्रतीक
भारत के राजा शाहजहां अपनी पत्नी मुमताज महल से बेपनाह मुहब्बत करते थे. किशोरावस्था में मसालों के बाजार में शाहजहां की मुलाकात मुमताज से हुई और बाद में निकाह. मुमताज ने शाहजहां से कहा कि वो दुनिया की सबसे खूबसूरत इमारत देखना चाहती है. शाहजहां ने ये इच्छा पूरी तो की लेकिन तब तक मुमताज का निधन हो चुका था. मुमताज महल की कब्र ताजमहल के बीचों बीच है.
ताजमहल का निर्माण
ताजमहल का निर्माण 1632 में शुरू हुआ. हाथियों की सेना के जरिए मुगल साम्राज्य की राजधानी आगरा तक भारी भरकम संगमरमर की शिलाएं पहुंचाई गईं. 21 साल तक हजारों कारीगरों ने इसे तराशा. 1653 के करीब सफेद संगमरमर की ये इमारत तैयार हुई.
इंजीनियरिंग का बेजोड़ नमूना
यमुना नदी के तट पर गीली जमीन पर इतनी विशाल और भारी भरकम इमारत खड़ा करना आसान नहीं था. उस समय के इंजीनियरों ने जमीन में बहुत गहराई पर कुएं खोदे, उन्हें चूने और पत्थरों से भरा. इन कुओं को ढंककर उन्होंने ऊपर पत्थरों की बीमें बनाई और उस पर नींव डाली. यही तकनीक आज भी इस्तेमाल की जाती है.
बाहर की ओर झुकी मीनारें
ताजमहल की चारों मीनारें एकदम सीधी नहीं हैं. सभी को हल्का सा बाहर की तरफ झुकाया गया है. ऐसा करने से दूर से सारी मीनारें सीधी दिखाई पड़ती हैं. इसका एक फायदा यह भी है कि बहुत तेज भूकंप आने पर मीनारें बाहर की ओर गिरेंगी और मुख्य इमारत और उसमें चिरनिद्रा में सोयी मुमताज को कोई नुकसान नहीं पहुंचाएंगी.
यूरोपीय पत्थर
शाहजहां ने परदेस से आए मेहमानों के लिए दरवाजे खोल दिए. इतिहासकारों के मुताबिक उस वक्त मित्रता और सहिष्णुता चरम पर थी. ताजमहल के भीतर जड़े कई रंगीन पत्थर यूरोप से आए.
धरती पर जन्नत
कुछ इतिहासकारों का मानना है कि ताजमहल के जरिए शाहजहां ने इंसान की जिंदगी के आखिरी दिन को दर्शाने की कोशिश की है. कुरान शरीफ में जन्नत का जैसा जिक्र है, शाहजहां ने धरती पर उसी को जिंदा करने की कोशिश की. ताजमहल के सामने के तालाब जन्नत में बहने वाली नदियों को दर्शाते हैं.
शाहजहां का निधन
शाहजहां की ताकत को चुनौती देना वाला कोई नहीं था. लेकिन मुगल साम्राज्य में राजा बनने के चक्कर में परिवार में खूनखराबा होना नई बात नहीं थी. यही शाहजहां के साथ भी हुआ. अपने भाई दारा शिकोह को मरवा कर और पिता शाहजहां को कैद कर औरंगजेब ने सत्ता हथिया ली. कैदखाने से शाहजहां को ताजमहल दिखता था, जिसे देखते देखते महान सम्राट ने दम तोड़ा.
भारत की पहचान
ताजमहल अब भारत की सबसे मशहूर पहचान है. भारत आने वाले विदेशी नेता भी वास्तुकला के इस नायाब नमूने के दीदार करने पहुंचते हैं. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन हो या अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा, हर कोई अपनी पत्नी के साथ ताज को देखने की मुराद पूरी करता है.
ताज का इंतजार
फ्रांस के राष्ट्रपति निकोला सारकोजी को अपनी पत्नी कार्ला ब्रूनी के साथ ताजमहल जाने के लिए कुछ सालों का इंतजार करना पड़ा. पहली बार जब वे 2008 में भारत गए थे तो कार्ला ब्रूनी के साथ उनकी शादी नहीं हुई थी और प्रोटोकॉल की बाधाओं के कारण वे अपनी जीवनसंगिनी को साथ नहीं ले जा पाए थे.
सितारों का सितारा, ताज
बॉलीवुड ताजमहल के इर्द गिर्द कई फिल्में और कहानियां गढ़ चुका है. इसकी दीवनगी से हॉलीवुड भी अछूता नहीं. शूटिंग के लिए भारत आने वाले हॉलीवुड कलाकार भी आगरा आकर ताज का दीदार जरूर करते हैं. 2011 में वाह ताज कहते टॉम क्रूज.
ओबामा का इंतजार
जनवरी 2015 में ताजमहल अमेरिकी राष्ट्रपति ओबामा के स्वागत की तैयारी कर रहा था. दूसरी बार भारत दौरे पर आने वाले ओबामा इस बार समय निकालकर दुनिया के इस अजूबे को देखना चाहते थे. लेकिन सऊदी अरब के शाह के निधन के चलते ओबामा को आगरा जाने का मौका न मिला.