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दुकान गए बिना ही खर्च दिए अरबों

१६ अक्टूबर २०१०

अमेरिका में वीडियो गेम के दीवाने खेल के पीछे हर महीने लाखों डॉलर खर्च रहे हैं और वह भी तब जब उन्होंने किसी दुकान में पांव तक नहीं रखे. इस साल के आधे हिस्से में ही करीब 3 अरब अमेरिकी डॉलर इन वर्चुअल खेलों पर उड़ चुके है.

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वीडियो गेम्स में उछालतस्वीर: AP

स्मार्टफोन और ऑनलाइन सोशल नेटवर्क के जरिए हो रहे खर्चों ने तो सभी पारंपरिक मस्तियों पर होने वाले खर्चों को भी मात दे दी है. कोई कहीं जाता नहीं और करोड़ों डॉलर खर्च हो रहे हैं. कंप्यूटर और मोबाइल फोन पर खेले जाने वाले विडियो गेम्स के एप्लिकेशन, किराए, ग्राहकी और टाइटल्स पर यह पैसा लुटाया जा रहा है. इस बेहिसाब खर्चे का ब्यौरा मिला है एनपीडी समूह की टोटल कंज्यूमर स्पेंड नाम की उस रिपोर्ट से जो पहली बार इस तरह के खर्चों के बारे में तैयार की गई है.

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साइबर गेम्स के दीवाने युवातस्वीर: WCG

इस उद्योग पर निगाह रखने वाली एनपीडी के मुताबिक सोशल नेटवर्किंग साइट के जरिए खेले जाने "सामाजिक खेल" इन दिनों सबसे ज्यादा हिट हो रहे हैं. ये गेम सीधे डाउनलोड करके ही खेले जाते हैं और बाजार में पैक करके नहीं बेचे जाते. हालांकि बाजार की दुकानों पर पैकेटों में बिकने वाले वीडियो गेम अभी भी इस बाजार का सबसे बड़ा हिस्सा हैं लेकिन जिस तरह से ऑनलाइन बाजार ने सेंध लगाई है उसे देखते हुए लगता है जल्दी ही यह तस्वीर बदलने वाली है.

एनपीडी के आंकड़ों के मुताबिक इस साल के पहले आधे हिस्से में करीब 3.7 अरब डॉलर वीडियो गेम्स कॉन्सोल और कंप्यूटर पर खेले जाने वाले वीडियो गेम्स के सॉफ्टवेयर पर खर्च किए गए. अगर पिछले महीने का हिसाब देखें तो वीडियो गेम के हार्डवेयर बेच कर पिछले महीने 1.22 अरब डॉलर की कमाई हुई जो पिछले साल इसी महीने में हुई 1.32 अरब डॉलर से करीब 8 फीसदी कम है.

वीडियो गेम कॉन्सोल से पिछले साल सितंबर में हुई कमाई 47.2 करोड़ डॉलर थी जो इस साल सितंबर में 19 फीसदी घट कर 38.3 अरब डॉलर रह गई. केवल एक ही चीज ऐसी है जिसका कारोबार बढ़ा है. वह है वीडियो गेम एसेसरीज.

सोनी ने हाल ही में मूव मोशन सेंसिंग कंट्रोलर्स जारी किये हैं जो और इससे करीब 18 करोड़ डॉलर की कमाई हुई जो पिछले साल हुई कमाई से करीब 13 फीसदी ज्यादा है. पॉइंट कार्ड से होने वाली बिक्री भी काफी बढ़ी है.

रिपोर्टः एजेंसियां/एन रंजन

संपादनः वी कुमार

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