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दिल्ली में फिर हुआ गैंगरेप

१८ मई २०१५

मुंबई के अस्पताल में जब भारत की सबसे पुरानी यौन हिंसा की शिकार मौत से संघर्ष कर रही थी, देश की राजधानी के पॉश इलाके में युवा दरिंदे एक और महिला को गैंगरेप के लिए सड़क पर से उठा रहे थे. चार अभियुक्तों को पकड़ लिया गया है.

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तस्वीर: picture-alliance/AP Photo/Saurabh Das

एक 32 वर्षीया महिला ने आरोप लगाया है कि उसे नई दिल्ली के पॉश डिफेंस कॉलनी इलाके में पांच लोगों ने जबरदस्ती उठा लिया और उसका गैंगरेप किया. अपहरण की खबर एक ड्राइवर ने दी थी. जब तक पुलिस अभियुक्तों की गाड़ी का पता लगा पाती, वह महिला शहर के दक्षिणपुरी इलाके में मिली. उसने बताया कि उसका गैंगरेप हुआ है. महिला द्वारा बताए गए पते पर छापा मारकर पुलिस ने तीन अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया और चौथे को बाद में गिरफ्तार किया गया. पुलिस का कहना है कि उन्होंने महिला को उस घर में ले जाने की बात मान ली है.

मीडिया रिपोर्टों के अनुसार पुलिस ने ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस में महिला की डॉक्टरी जांच के बाद 20 से 32 साल के चारों अभियुक्तों के खिलाफ अपहरण, अवैध हिरासत और गैंगरेप का मुकदमा दायर किया है. डॉक्टरी जांच में बलात्कार की पुष्टि हुई है. पुलिस अब घटनाक्रम का पता लगाने के लिए जांच कर रही है.

उधर मुंबई के केईएम अस्पताल में पिछले 42 वर्षों से कोमा में पड़ी यौन हिंसा की शिकार नर्स अरुणा शानबाग का आज सुबह निधन हो गया. 67 वर्षीया अरुणा केईएम अस्पताल में ही नर्स थी. अस्पताल के ही एक वार्डब्वाय ने 1973 में 25 वर्षीय अरूणा के साथ बलात्कार किया. उसी दौरान वह कोमा में चली गयीं और 42 वर्षों तक अस्पताल में कोमा में ही रहीं.

अरुणा की दयनीय स्थिति को देखते हुए 2011 में उसके लिए इच्छा मृत्यु की मांग करते हुए एक याचिका भी दायर की गयी थी, लेकिन कोर्ट ने इसे ठुकरा दिया. अस्पताल प्रबंधन ने अरुणा के साथ हुए यौन शोषण के मामले को डकैती और लूटपाट के रूप में पेश किया और केस दर्ज कराया. यौन शोषण के केस को दबाया गया, जिसके कारण अभियुक्त सोहनलाल को सिर्फ सात साल की सजा हुई.

एमजे/आरआर(डीपीए, वार्ता)