दिल्ली का दम निकाल डेक्कन सेमीफ़ाइनल में
१९ अप्रैल २०१०आईपीएल-3 के सेमीफाइनल में आसानी से पहुंचने का ख़्वाब देख रही गौतम गंभीर की टीम को हैदराबाद ने उसी के घरेलू मैदान पर हराया. डेयरडेविल्स को अर्श से फर्श तक लाने में दिल्ली के बल्लेबाज़ों और डेक्कन के एंड्र्यू साइमंड्स, चामिंडा वास और प्रज्ञान ओझा की बड़ी भूमिका रही.
रविवार को खचाखच भरे दिल्ली के फ़िरोज़शाह कोटला मैदान पर डेक्कन चार्जर्स के कप्तान एडम गिलक्रिस्ट ने टॉस जीता और पहले बल्लेबाज़ी चुनी. मेज़बान टीम की शुरुआत ख़राब रही. नौवें ओवर तक गिलक्रिस्ट, रोहित शर्मा और सुमन समेत चार बल्लेबाज़ पैवेलियन लौट चुके थे, स्कोर था सिर्फ 66 रन.
इसके बाद हरफनमौला एंड्रयू साइमंड्स ने बढ़िया बल्लेबाज़ी की. उन्होंने पांच लंबे छक्कों और तीन चौकों की मदद से 54 रन बनाए. 30 गेंदों पर साइमंड्स की इस तेज़ तर्रार पारी की बदौलत डेक्कन चार्जर्स ने 20 ओवर में सात विकेट खोकर 145 रन बनाए. साइमंड्स को मैन ऑफ़ द मैच रहे.
आईपीएल के लिहाज़ से लक्ष्य आसान लग रहा था, लेकिन दिल्ली की सांसें इससे पहले ही फूल गई. सलामी बल्लेबाज़ डेविड वार्नर पांच रन बनाते ही मार्श का शिकार बने. आईपीएल में फ़्लॉप साबित हुए वीरेंद्र सहवाग भी आठ रन बनाकर चामिंडा वॉस को विकेट दे बैठे. इसके बाद 11 रन बनाने वाले दिलशान और फिर कप्तान गौतम गंभीर टीम की हार तय करते हुए मैदान से वापस लौटे. मिथुन मनहास और पॉल कोलिनवुड ने जीत के लिए संघर्ष ज़रूर किया. मनहास ने 23 पर रन आउट हुए.
इसके बाद दिनेश कार्तिक मैदान पर उतरे. अक्सर अहम मौकों पर गड़बड़ा जाने वाले कार्तिक इस बार भी दूसरी गेंद पर आउट हो गए. इंग्लैंड के भरोसेमंद बल्लेबाज़ कोलिनवुड 51 रन बनाकर नाबाद भी रहे और टीम की हार के गवाह भी.
दिल्ली की हार से खरगोश और कछुए की कहानी एक बार फिर याद आई. दिल्ली ने आईपीएल का आगाज़ लगातार जीतते हुए किया, जबकि डेक्कन की कदम हार के साथ शुरू हुए. लेकिन आख़िरी बाज़ी डेक्कन के हाथ लगी. इसका अंदाज़ा गौतम गंभीर के बयान से भी लगता है. मैच के बाद गंभीर ने कहा, ''सेमीफाइनल में पहुंचने के लिए हमें पांच में से दो मैच जीतने थे लेकिन हम चार मैच हार गए. हम एक टीम की तरह नहीं खेले.''
आईपीएल के सेमीफ़ाइनल मुक़ाबलों की तीन टीमें अब तय हो चुकी हैं. डेक्कन, मुंबई और चेन्नई सेमीफाइनल में पहुंच गए है. चौथी टीम का फ़ैसला सोमवार को होने वाले आख़िरी लीग मैच के बाद होगा.
रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह
संपादन: आभा मोंढे