1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

दागी मंत्रियों पर कोर्ट का कड़ा संदेश

२७ अगस्त २०१४

भारत के उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि आपराधिक पृष्ठभूमि वाले सांसदों को मंत्री नहीं बनाना चाहिए. नरेंद्र मोदी की सरकार में 13 ऐसे मंत्री हैं जिनपर हत्या के प्रयास, दंगा और अन्य मामले दर्ज हैं.

https://p.dw.com/p/1D1vc
तस्वीर: Prakash Singh/AFP/Getty Images

सुप्रीम कोर्ट का फैसला इसलिए भी अहम हैं क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनावों में जनता से साफ सरकार देने का वादा किया था. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि प्रधानमंत्री को उनके विवेक पर मंत्रियों को चुनने के लिए छोड़ देना चाहिए, लेकिन साथ ही कहा कि मोदी से अपेक्षा की जाती है कि वह जनता की उम्मीदों और लोकतांत्रिक मूल्यों का ख्याल रखेंगे. न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा ने कहा, "आपराधिक पृष्ठभूमि वाले नेताओं को मंत्री बनाने पर फैसला हम प्रधानमंत्री के विवेक पर छोड़ देते हैं."

संविधान की अपेक्षा

चीफ जस्टिस आरएम लोढ़ा की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ ने यह फैसला एक जनहित याचिका पर दायर पुनर्विचार अर्जी की सुनवाई करते हुए दिया. न्यायमूर्ति मिश्रा ने कहा, "अंत में उम्मीद की जाती है कि आपराधिक पृष्ठभूमि वाले लोग कैबिनेट के सदस्य नहीं होने चाहिए. अपेक्षा की जाती है कि प्रधानमंत्री को विचार करना चाहिए और उन्हें ऐसे लोगों को नहीं चुनना चाहिए जिनकी छवि आपराधिक है. यही अपेक्षा संविधान भी करता है." हालांकि कोर्ट ने यह सलाह दी कि प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्रियों को अपने मंत्रिमंडल में आपराधिक छवि के नेताओं को शामिल नहीं करना चाहिए.

मुख्य न्यायाधीश आर एम लोढ़ा की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने बहुमत के आधार पर दिए गए अपने फैसले में कहा कि आपराधिक छवि के नेताओं को मंत्रिमंडल में शामिल करने या न करने का फैसला प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्रियों के विवेक पर छोड़ देना चाहिए.

13 मंत्रियों पर गंभीर आरोप

पीठ ने यह निर्देश उस जनहित याचिका पर जारी किया, जिसमें मांग की गई थी कि केंद्र और राज्य सरकारों को आपराधिक पृष्ठभूमि वाले लोगों की नियुक्ति न करने के निर्देश दिए जाएं. साथ ही मांग की गई थी जिन सांसदों पर आरोप साबित नहीं हुए हैं उन्हें भी अयोग्य करार दिया जाए. कोर्ट ने कहा वह ऐसे सांसदों को अयोग्य नहीं करार दे सकता है. जिन नेताओं पर गंभीर आरोप साबित हो चुके हैं उन्हें मंत्रीपद देने पर रोक है लेकिन जिन लोगों पर आरोप साबित नहीं हुए उन पर यह रोक लागू नहीं होती है.

मोदी के 45 में से 13 मंत्रियों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें आठ मंत्रियों पर गंभीर मामले दर्ज हैं. केंद्रीय जल संसाधन मंत्री उमा भारती के खिलाफ 13 केस दर्ज हैं, इनमें से छह दंगों से जुड़े हुए हैं, जबकि दो हत्या से संबंधित हैं. परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के खिलाफ चार केस हैं, जिनमें से एक मामला धमकी देने का है. मोदी के सबसे करीबी सहयोगी और बीजेपी के अध्यक्ष अमित शाह पर सोहराबुद्दीन हत्याकांड में गंभीर आपराधिक आरोप हैं.

एए/एमजे (एएफपी)