दस-दस के मैच में बायर्न की जीत
२२ अप्रैल २०१०मैच के 37वें मिनट में रिबेरी के ख़िलाफ़ लाल कार्ड का फ़ैसला विवादास्पद रहा. म्युनिख स्टेडियम के 66 हज़ार दर्शक तो नाराज़ थे ही, मैच के बाद बायर्न के स्पोर्ट डाइरेक्टर क्रिस्टियान नेर्लिंगर का भी कहना था कि यह फ़ैसला कुछ ज़्यादा ही कड़ा था. मंगलवार को लीओन में दोनों टीमों के बीच जवाबी मैच होना है, जिसमें रिबेरी का न होना बायर्न को काफ़ी खलेगा.
इसके बावजूद बुधवार की शाम बायर्न के लिए काफ़ी संतोषजनक रही. अभी चार दिन पहले बुंडेसलीगा के मैच में बायर्न ने हनोवर को 7-0 से हराया था. और 7 बार के फ़्रांसीसी चैंपियन लीओन के ख़िलाफ़ इस मैच में 37वें से 54वें मिनट तक के मैच में लग ही नहीं रहा था कि यह टीम दस खिलाड़ियों के साथ खेल रही है. फिर 69वें मिनट में रोब्बेन के इकलौते गोल से टीम आगे निकल गई. बायर्न के लिए सबसे संतोष की बात है कि यह जीत बिना किसी विपक्षी गोल के साथ मिली, जो जवाबी मैच के बाद गोल रेट के हिसाब में बायर्न की मदद करेगा.
बायर्न के कोच लुइस फ़ान गाल मैच के नतीजे से बेहद ख़ुश थे. उनका कहना था कि उनकी टीम लीओन के मैच में भी गोल करने के काबिल है. रिबेरी के लाल कार्ड के सिलसिले में उनका कहना था कि यह लाल कार्ड का मामला नहीं था. साफ़-साफ़ दिख रहा था कि वह गेंद को मारने की कोशिश कर रहा था, लोपेज़ के घुटने को नहीं.
रिबेरी के लिए यह हफ़्ता एक डरावने सपने सा है. उसे फ़्रांस के पुलिस से निपटना पड़ रहा है, क्योंकि वह एक नाबालिग यौनकर्मी का ग्राहक बना था. रिबेरी ने इसे मान लिया है, लेकिन उसका कहना है कि उसे पता नहीं था कि वह लड़की अभी नाबालिग है.
बहरहाल, फ़िलहाल बायर्न के खिलाड़ियों की बांछें, चाहे वे कहीं भी हों, खिली हुई हैं.
रिपोर्ट: एजेंसियां/उभ
संपादन: ओ सिंह