थाइलैंड में मारा गया पत्रकार
१९ मई २०१०बुधवार को इटली के एक प्रेस फ़ोटोग्राफ़र को जान गंवानी पड़ी. इटली की समाचार एजेंसी अंसा का कहना है कि 45 वर्षीय फ़ोटोग्राफ़र फ़ाबियो पोलेंगी सैनिकों और सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पों के दौरान मारा गया. उसे पेट में और छाती में दिल के पास गोलियां लगीं.
इटली के मिलान का रहने वाला पोलेंगी कई पत्रिकाओं के लिए थाइलैंड में काम कर रहा था. बताया जाता है कि उसने बुलेट प्रूफ जैकेट और हेलमेटट पहन रखा था. यह भी सुनने में आया कि जहां उसे गोली लगी, वह जगह लाल शर्ट प्रदर्शनकारियों के मुख्य केंद्र से क़रीब एक किलोमीटर दूर थी.
इससे पहले समाचार एजेंसी रॉयटर्स के कैमरामैन हीरो मुरामोटो की 10 अप्रैल को ही थाइलैंड में प्रदर्शनों के दौरान मौत हो गई थी. थाइलैंड में दो महीने से विरोध प्रदर्शन चल रहे हैं.
शुक्रवार को ही न्यू यॉर्क की कमेटी टू प्रॉटेक्ट जर्नलिस्ट्स यानी पत्रकारों की रक्षा समिति ने अपनी वेबसाइट पर थाइलैंड में पत्रकारों के लिए बढ़ते खतरे पर चिंता जताई. समिति के एशिया कमिश्नर बॉब दीत्स ने दोनों पक्षों से अपील की कि वह पत्रकारों की रक्षा करें और हिंसा से बचें क्योंकि जब पत्रकार पास में हों और इसमें फंस सकते हैं.
थाइलैंड में लगातार झड़पों के बीच कनाडा के नेलसन रैंड भी घायल हो गए हैं. फ्रांस टीवी चैनल के लिए रिपोर्टिंग कर रहे रैंड सर्जरी के बाद स्थिर हैं. हॉलैंड के एक टीवी रिपोर्टर और अमेरिका के एक पत्रकार भी घायल हो चुके हैं.
सिर्फ विदेशी पत्रकार ही नहीं, स्थानीय पत्रकार भी निशाना बन रहे हैं. महत्वपूर्ण बात यह है कि स्थानीय पत्रकारों को लेकर यह नहीं कहा जा सकता है कि वह भाषा या वातावरण को नहीं जानते. थाई भाषा में प्रकाशित होने वाले मातिशोन अखबार के एक फोटोग्राफ़र और स्थानीय वोईस टीवी चैनल के एक कैमरामैन को अस्पतालों में ले जाया गया.
उन्हें कई गोलियां लगी थीं. बैंकॉक में विरोध प्रदर्शन के दौरान अब तक कुल 66 लोगों की मौत हुई है और 1000 से भी ज़्यादा लोग घायल हैं.
थाइलैंड की रिपोर्टिंग करते वक्त मीडिया को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा और बैंकॉक में एक टीवी स्टेशन को आग भी लगा दी गई.
रिपोर्टः एजेंसियां/प्रिया एसेलबॉर्न
संपादनः ए जमाल