हज पर फिर हुआ हादसा
२४ सितम्बर २०१५सऊदी अरब प्रशासन ने बताया है कि राहत अभियान जारी हैं. अभी तक भगदड़ मचने के कारण का पता नहीं चल पाया है. इसमें 700 से अधिक लोगों के मारे जाने और 900 से भी अधिक के घायल होने की खबर हैं. तीर्थयात्री पवित्र शहर मक्का के ठीक बाहर मीना शहर में शैतान पर पत्थर फेंकने की एक रस्म के लिए इकट्ठा हुए थे.
इसमें एक दीवार को सांकेतिक रूप से शैतान मानकर उस पर पत्थर फेंके जाते हैं और इसी के साथ इस समारोह का समापन होता है. मक्का में करीब 20 लाख लोग सालाना हज यात्रा पर दुनिया भर से पहुंचते हैं.
दुनिया भर के करीब 1.5 अरब मुसलमान इसी दिन ईद-अल-अदहा यानि कुर्बानी का त्योहार मना रहे हैं. इस्लामिक कैलेंडर में इसे सबसे महत्वपूर्ण तारीख माना जाता है.
इस बार भारत में कई लोग इसे बिना खूनखराबे के मनाने का आह्वान कर रहे हैं. #BloodLessEid के साथ जीव संरक्षण संस्थाओं समेत आम लोग भी ट्विटर संदेश भेज रहे हैं. ऐसा ही एक वीडियो देखिए...
पिछले एक दशक में बेहतर सुरक्षा व्यवस्था के कारण हज काफी सुरक्षित रहे हैं. उसके पहले लगभग हर साल ही भगदड़ और आग लगने की दुर्घटनाएं होती थीं. इस साल हज की तैयारियों के दौरान भी 11 सितंबर को मक्का की मस्जिद पर काम में लगी बड़ी क्रेन के गिर जाने से 100 से ही अधिक लोगों की जान चली गई थी. जनवरी 2006 में मीना में इसी रस्म के दौरान मची भगदड़ में 364 तीर्थयात्री मारे गए थे.